उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने 27 अप्रैल तक इस फैसले पर रोक लगाई है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया।
उत्तराखंड में कांग्रेस के बागी विधायक विजय बहुगुणा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। बहुगुणा ने बताया कि कांग्रेस के बागी विधायकों ने याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें भी वोट देने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें भी वोट का अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि हमारी सदस्यता क्रॉस वोटिंग के लिए नहीं, बल्कि राज्यपाल से मिलने के आधार पर रद्द की गई है।’
Good judgement, quite hopeful that view of HC wont find favour with SC: Vijay Bahuguna (rebel Cong MLA) #Uttarakhand pic.twitter.com/6aCXNqUr0V
— ANI (@ANI_news) April 22, 2016
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट से कहा कि वह 26 अप्रैल तक फैसले की कॉपी मुहैया कराए और 27 अप्रैल को मामले पर फिर से सुनवाई होगी। फैसले के बाद अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर पार्टी को हाई कोर्ट के फैसले की कॉपी 26 अप्रैल तक मुहैया कराई जाए। कोर्ट ने इस बात को जोड़ा है कि 27 अप्रैल से पहले सरकार भी राष्ट्रपति शासन नहीं हटा सकती।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा और अगले आदेश तक सीएम के पास कोई शक्ति नहीं रहेगी।
इससे पहले राज्य में लगाए गए राष्ट्रपति शासन को हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली 2 जजों की खंडपीठ के सामने अटॉर्नी जनरल (AG) मुकुल रोहतगी ने इस पूरे मामले को पेश किया। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, ‘अगर हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे नहीं लगाया गया तो याचिकाकर्ता के साथ बहुत नाइंसाफी होगी और इससे अपूरणीय क्षति हो सकती है।’ केंद्र ने SC से कहा, ‘हाई कोर्ट के इस फैसले से न्याय को गंभीर धक्का पहुंचा है।’
शुक्रवार को ही राज्य के 9 बागी कांग्रेस विधायक भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने अपनी सदस्यता रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने 29 तारीख को हरीश रावत सरकार द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित करने की प्रक्रिया में भी इन विधायकों को शामिल ना करने का आदेश दिया था। अपनी याचिका में इन सभी MLA ने इस फैसले को भी खारिज करने की अपील की। अब उत्तराखंड हाई कोर्ट शनिवार को बागी विधायकों की अपील पर सुनवाई करेगा।
हाई कोर्ट ने गुरुवार को हरीश रावत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को फिर से बहाल करने का फैसला सुनाया था। अटॉर्नी जनरल ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आधारों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हाई कोर्ट का राष्ट्रपति की अधिसूचना को निरस्त करना गलत है। राष्ट्रपति की अधिसूचना उपयुक्त सामग्री पर आधारित है।
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