कानून में संशोधन के लिए मुंबई में मराठा मोर्चा की महारैली

mumbai7-5मुंबई। मुंबई की सड़कों पर रविवार को बाइक पर सवार मराठा नौजवानों का सैलाब उमड़ा। राज्यभर में निकल रहे मराठा मोर्चों की यह मुंबई में पहली रिहर्सल थी। हजारों की संख्या में बाइक सवारों को देखने वालों के मुंह से बस यही बात निकली कि ‘बाइक रैली तो झांकी है, मोर्चा अभी बाकी है।’

अनुशासन का रखा ख्याल
मराठा समाज को आरक्षण, कोपर्डी बलात्कार कांड के आरोपियों को फांसी और एट्रोसिटी कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए कानून में संशोधन की मांग। इस एजेंडे को लेकर महाराष्ट्र भर में निकाले जा रहे मराठा मोर्चों की विशेषता है शांति, स्वच्छता और अनुशासन। रविवार की मुंबई बाइक रैली में मराठा समाज के नौजवानों ने अनुशासन का पूरा ख्याल रखा, इस वजह से बाइक रैली के दौरान आम मुंबईकर को ट्रैफिक जैम जैसी समस्या का ज्यादा सामना नहीं करना पड़ा।

विरोध और शक्ति प्रदर्शन
अब तक मराठा समाज मूक रूप से अपना विरोध और शक्ति प्रदर्शन करता आ रहा है। मुंबई की रैली में भी ऐसा ही किया गया। विरोध व्यक्त करने के लिए ज्यादातर बाइक सवारों ने काले कपड़े पहन रखे थे, और शक्तिप्रदर्शन के लिए बाइक सवार के पीछे बैठे लोगों ने भगवा झंडे थाम रखे थे। हजारों की संख्या में शामिल बाइक और उन पर से लहराते भगवा झंडों जहां से भी गुजरे वहां उन्होंने अपनी शक्ति, संगठन और अनुशासन का अहसास कराया।

पुलिस भी थी रिलेक्स
आम तौर पर मुंबई में निकलने वाले मोर्चों और रैलियों से मुंबई पुलिस का सिरदर्द बढ़ जाता है, लेकिन मराठा मोर्चों में अनुशासन का पूर्व इतिहास और बाइक रैली के आयोजकों का नियोजन देखते हुए मुंबई पुलिस भी अपेक्षाकृत रिलेक्स थी। आयोजकों ने पुलिस के भरोसा दिलाया था कि बाइक रैली की वजह से नागिरकों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। फिर भी पुलिस ने मुंबई के यातायात को सामान्य बनाए रखने के लिए संपूर्ण डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मार्ग को नो पार्किंग घोषित कर दिया गया था। इसी तरह मुंबई की ओर जाने वाला पूरा ट्रैफिक प्रियदर्शनी सर्कल के बाद वडाला होकर निकाला गया था।

सीएसटी पर साकार छत्रपति
मराठा बाइक रैली की पूर्णता के लिए सीएसटी पर ही छत्रपति शिवाजी महाराज का अस्थायी रूप से लगाई गई प्रतिमा पर आदरांजलि और कोपर्डी बलात्कार कांड में मृत लड़की को श्रद्धाजंलि व्यक्त करने के बाद रैली समाप्त हुई।

मुंबई में मोर्चा 14 दिसंबर के बाद
मुंबई में मराठा मोर्चा निकाले जाने के बारे में फिलहाल कोई फैसला नहीं हो पाया है। मुंबई में मोर्चा निकालने से पहले मराठा समाज 14 दिसंबर को नागपुर में विराट मोर्चे की तैयारी कर रहा है। 5 दिसंबर से नागपुर में राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। समाज के लोगों का कहना है कि हम विधानमंडल के सत्र के दौरान सरकार की तरफ से मराठा समाज के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने का इंतजार करेंगे।

अपनी मांग के लिए 14 दिसंबर को नागपुर में मोर्चा भी निकालेंगे, यदि तब तक सरकार ने कोई फैसला नहीं किया, तो फिर मुंबई में मोर्चा निकाला जाएगा। चूंकि मुंबई एक व्यस्त शहर है और समाज यह कतई नहीं चाहता कि मराठा मोर्चा की वजह से इसके सामान्य जनजीवन में कोई व्यवधान पैदा हो, इसलिए हम कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार को पूरा मौका देना चाहते हैं।

 

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