केंद्र और राज्य सरकार की बड़ी लापरवाही का नतीजा है हिंदू तीर्थयात्रियों पर आतंकी हमला, 16 दिन पहले आइबी ने दी थी अमरनाथ यात्रियों पर हमले की इनपुट

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हमले की घटना केंद्र और राज्य सरकार की विफलता का सुबूत है। वजह कि इंटेलीजेंस ब्यूरो ने 25 जून से पहले ही  जम्मू-कश्मीर पुलिस को यात्रियों पर हमले की इनपुट दे दी थी। मगर अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और सरकार सोती रही। औरउधर  आधे दर्जन तीर्थयात्रियों  का लहू सड़कों पर बह गया। इतना ही नहीं हमले की आशंका से आगाह करने वाली तमाम खबरें भी जम्मू-कश्मीर के स्थानीय अखबारों से लेकर राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बनीं। , मगर अफसरों के कान पर जूं नहीं रेगी। नतीजा निकला कि हिंदू तीर्थयात्रियों की आतंकी हमले में जान चली गई।

हालांकि पुलिस का कहना है कि हमले में निशाने पर अमरनाथ यात्रा नहीं थी। हमला सुरक्षाबलों के काफिले को निशाना बनाकर किया गया था। आतंकी हमला दो अलग-अलग जगहों पर यात्रा की सुरक्षा में लगे जवानों पर हुआ। बस यात्रियों को मिली सुरक्षा का हिस्‍सा नहीं थी। इसके कारण वह फायरिंग के निशाने पर आ गई.

निशाना बने यात्री गुजरात के रहने वाले हैं। बस का नंबर GJ09 Z 9976 है और गुजरात के साबरकांठा से रजिस्‍टर्ड है. बस में 17 यात्रियों में सवार थे. घायलों को श्रीनगर और अनंतनाग के अस्‍पतालों में भर्ती कराया गया है. अनंतनाग हमले के बाद जम्‍मू, उधमपुर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ा दी गई है.

गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी ने हमले में मारे गए लोगों को शहीद बताया. उन्‍होंने कहा कि मारे गए लोगों को वायुसेना के प्‍लेन से लाया जाएगा. जो घायल हैं उनके बेहतर इलाज का बंदोबस्‍त होगा. रुपाणी ने मंगलवार के अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.

इंटेलीजेंस के एक अफसर ने उस रिपोर्ट के बारे में इंडिया संवाद को जानकारी दी। अफसर का कहना है कि रिपोर्ट में बात सामने आई थी कि आतंकी हिंदू तीर्थयात्रियों पर हमला कर देश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने अमरनाथ यात्रा को हमले के लिए चुना। क्योंकि यह यात्रा हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखतीहै। सूत्र बता रहे हैं कि पाकिस्तान में बैठे आकाओं ने पूरी प्लानिंग रची। ताकि जब हिंदू यात्री मारे जाएं तो भारत में हिंदू मुस्लिमों के प्रति नफरत से भर उठें। और भारत दंगों कीआग में जलने  के लिए तैयार हो जाए।

150 यात्रियों को मारने का था इरादा

इंटेलीजेंस ब्यूूरो की खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का साया मंडरा रहा है। जिसमें कहा गया था कि आतंकियों के टारगेट पर 150 अमरनाथ यात्री हैं। ताकि इस घटना के बाद भारत में शांति माहौल को अस्थिर किया जा सके.

अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर हमले की घटना से केंद्र सरकार हिल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मौके की जहां पूरी रिपोर्ट मांगी। वहीं  सेना प्रमुख रावत को  घटनास्थल के 50 किमी के दायरे में जबर्दस्त काबिंग आपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

 

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