खुदकुशी करने वाले को शहीद का दर्जा क्यों, केजरीवाल सरकार के फैसले के खिलाफ PIL

ram-kishanनई दिल्ली। दिल्ली के जंतर मंतर पर पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की खुदकुशी का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस मुद्दे पर विरोधी दल मोदी सरकार को घेर रहे हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस उपाध्यक्ष ने तो मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है। दििल्ली सरकार ने रामकिशन ग्रेवाल को शहीद का दर्जा देते हुए उनके परिजनों को एक करोड़ रूपये की रकम देने का एलान किया। दिल्ली सरकार के इसी फैसले के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल इस याचिका में दिल्ली सरकार के फैसले पर सवाल उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि जो लोग देश के लिए जान देते हैं उन्हे शहीद का दर्जा मिलता है। सीआरपीएफ से रिटायर एक इंस्पेक्टर समेत दो लोगों ने दिल्ली हाईकोर्ट में ये याचिका दाखिल की है।

जनहित याचिका में दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि खुदकुशी करने वाला शहीद कैसे हो सकता है। वहीं उसे शहीद का दर्जा दिल्ली सरकार ने किस आधार पर दिया है। बता दें कि केजरीवाल सरकार ने रामकिशन ग्रेवाल के परिजनों को एक करोड़ रूपये और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान किया था। याचिकाकर्ता ने अपील की है कि कोर्ट इस फैसले को रद्द करे। साथ ही ये अपील भई की है कि केंद्र सरकार शहीद के दर्जे को लेकर एक गाइडलाइन बनाए। इस याचिका पर 7 नवंबर को सुनवाई होने की उम्मीद है। याचिका के साथ दिल्ली हाईकोर्ट के ही एक आदेश का उदाहरण दिया गया है। फिलहाल इस याचिका ने दिल्ली सरकार को उलझन में डाल दिया है। उसने जो एलान किया है उसे पूरा करे या फिर कोर्ट के फैसले का इंतजार करे।

केजरीवाल सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले से स्थिति साफ है। हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि देश के लिए जान गंवाने वाले शख्स को ही शहीद का दर्जा दिया जा सकता है। चाहे वो सश्स्त्र बल के सैनिक हों या फिर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल का। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार बिना मंत्रीमंडल में आदेश पास करके इस तरह रूपये देने का एलान नहीं कर सकती है। ये सरकारी पैसे के दुरुपयोग का मामला है। वहीं याचिका में ये भी कहा गया है कि आत्महत्या या आत्महत्या की कोशिश करना कानूनन अपराध है। इंडियन पीनल कोड 1860 के तहत खुदकुशी करना अपराध है। पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल को शहीद का दर्जा देने पर सोशल मीडिया पर भी बहस जारी है। लोग अपने अपने विचार रख रहे हैं।

बता दें कि वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ने जंतर-मंतर पर खुदकुशी कर ली थी। बाद में पता चला था कि रामकिशन ग्रेवाल ने अपनी पेंशन पर साढ़े तीन लाख रूपये का लोन ले रखा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि लोन का पैसा न चुका पाने के के कारण रामकिशन ने खुदकुशी कर ली होगी। वहीं रामकिशऩ के परिजनों को इस लोन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बहरहाल इस मामले में नए -नए मोड़ आते जा रहे हैं। वहीं राजनीति भी जोरों पर है। राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल समेत पूरा विपक्ष मोदी सरकार के खइलाफ मोर्चा खोले बैठा है। हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर रामकिशन ने मदद मांगी होती और मदद न मिलती तो हम दोषी होते। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने तो ये भी कहा कि पूर्व सैनिक की मानसिक स्थिति की भी जांच होनी चाहिए।

 

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