गले में फंदा बांध सेल्फी खींची, वीडियो बनाकर दोस्त को भेजा, फिर फंदे से लटक कर दे दी जान


महानगर के क्षेत्राधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस्लाम मूलरूप से गोंडा के कर्नेलगंज का रहने वाला था। वर्ष 2004 में उसे पिता मो. इशहाक की जगह मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली थी। यहां वह मां सैदुन्निशा, पत्नी असमीन बानो और चार बच्चे अरशद, खुशबू, मुस्कान व हिना के साथ रहता था। शुक्रवार को उसकी रात की ड्यूटी थी।
रात करीब साढ़े नौ बजे उसने ऐशबाग के गुलजारनगर निवासी दोस्त पिंटू को फोन कर कहा कि रात को 11 बजे एक वीडियो और फोटो भेजेगा। इसके बारे में किसी को कुछ मत बताना। रात 11 बजे के आसपास इस्लाम ने वॉट्सएप पर फोटो और वीडियो भेजे तो पिंटू के होश उड़ गए। फोटो में वह गले में रस्सी बांधे नजर आ रहा है। वीडियो में वह अपनी जान देने की बात कह रहा है।
पिंटू ने तत्काल विश्वविद्यालय के कर्मचारी दिलीप और सुनील को फोन कर इसकी जानकारी दी। उसने दोनों को तुरंत बॉटनी विभाग भेजा। दिलीप और सुनील एक पल गंवाए बगैर वहां पहुंचे तो इस्लाम का शव लटका मिला। दोनों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों और पुलिस को सूचना दी। फंदा काटकर इस्लाम को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
सवा दो मिनट के वीडियो में कहा जिंदगी से तंग आ गया हूं

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