…..तो केजरीवाल सरकार में शामिल होने के लिए कपिल मिश्र से विश्वासघात कर रहे हैं कुमार “विशवास”

नई दिल्ली। कुमार विश्वास पर आवश्यकता से अधिक विश्वास करना कपिल मिश्रा के लिए बहुत बड़ा विश्वासघात साबित होने वाला है।

आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनने के बाद सत्ता के सुख से वंचित कुमार विश्वास का स्वम का विश्वास भी अब डोलता हुआ नजर आने लगा है। केजरीवाल से दूर होते होते अब उनके इतने करीब होने लगे कि अपनो की तरफ से भी मुह मोड़ लिया। अब स्थिति यह है कि कभी प्रिय मित्र रहे कपिल मिश्रा को उनसे मिलने का मौताज़ होना पड़ रहा है।

दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा कल आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास से मिलने उनके घर पहुंचे। यहां पहुंचकर कपिल ने कुमार विश्वास को फोन लगाया।फोन पर भी बात न होने पर कपिल ने कहा कि जब कुमार से मुलाकात नहीं होगी, तब तक वो दरवाजे से नहीं हटेंगे।

अब  कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कुमार विश्वास के घर के दरवाजे पर मांग पत्र ही चिपका दिया।

दरअसल, कपिल ने विश्वास को सत्येंद्र जैन के घोटालों के सबूत सौंपने का दावा किया था। यही सबूत सौंपने के लिए वो कुमार विश्वास के घर पहुंचे थे। जब वो वहां नहीं मिले तो कपिल ने कुमार को फोन किया। वहीं दूसरी तरफ कपिल ने पार्टी व सरकार के अंदर हुए घोटालों पर चुप बैठे नेताओं और विधायकों से कई सवाल किए। विश्वास जानते होंगे कि कपिल जो भी सबूत दे रहे है वे सब पुख्ता है इसी कारण वे कपिल से भागते फिर रहे है।

कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी विधायकों और नेताओं से 9 सवाल किए. 

1. अन्ना आंदोलन में जिन 10 केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे हम सबने मांगे क्या वो केवल सत्ता हासिल करने के लिए बोला गया जुमला था?

2. क्या शीला दीक्षित और कांग्रेस के अन्य नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ सबूत आपने अपनी आंखों से देखे थे, इस्तीफा मांगने से पहले? 

3. अगर देखे थे तो ढाई साल से उन सबूतों पर चुप्पी क्यों और देखे ही नहीं थे तो वो सब तमाशा क्यों किया गया? क्या दिल्ली की जनता से झूठ बोला गया?  

4. क्या आपने अरविंद केजरीवाल से कभी पूछा कि शीला दीक्षित के खिलाफ जो सबूत थे उन सबूतों का केजरीवाल ने क्या किया? 

5. जैसे मैं, भ्रष्टाचार के हर मामले में ACB, CBI में केस दर्ज करवा रहा हूं, वैसे ही क्या केजरीवाल नहीं कर सकते थे? या सारे सबूत इंटरनेट पर डालकर सार्वजनिक कर देते। किस मजबूरी में ऐसा नहीं किया गया? 

6. क्या आज जो भी घोटाले सामने आ रहे है, बंसल परिवार या PWD के फर्जी बिल, बेनामी प्रॉपर्टी या हवाला, एम्बुलेंस घोटाला या हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, इन सबके इंटरनेट पर मैंने जो सबूत डाले वो आपने देखने की जहमत उठाई? 

7. जब असीम अहमद खान को एक मिनट की ऑडियो क्लिप पर हटाया गया. क्या तब से अब तक पार्टी के सिद्धांत और नियम बदल गए हैं? क्या असीम के लिए अलग नियम और सत्येंद्र और केजरीवाल के लिए अलग नियम हैं? 

8. क्या कांग्रेस के नेताओं ने आपकी भैंस चुराई थी, क्या कांग्रेस से लड़ने का कोई और एजेंडा था, क्या अपने घर के अंदर होने वाले भ्रष्टाचार के लिए चुप्पी रखने के लिए ये आंदोलन हुआ था? 

9. क्या घोटालों पर चुप्पी और इधर-उधर चुनाव लड़ते रहने का ‘लघु एवं कुटीर उद्योग” यही है पार्टी की दिशा?

पार्टी कार्यकर्ताओं से कपिल ने न सिर्फ ये नौ सवाल पूछे बल्कि उन्हें जवाब देने के लिए भी कहा है। कपिल ने लिखा कि वो इन सवालों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

कपिल मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर सत्येंद्र जैन से दो करोड़ कैश लेने का आरोप लगाया था। इसके बाद कपिल ने अरविंद केजरीवाल पर फर्जी कंपनियां बनवाकर हवाला के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने का आरोप लगाया था। साथ ही दिल्ली के 400 करोड़ के वाटर टैंकर स्कैम में भी केजरीवाल और उनके दो करीबियों की भूमिका पर सवाल उठाए थे। कपिल ने अपने इन आरोपों के आधार पर एसीबी और सीबीआई में केस भी दर्ज कराए हैं।

 

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