देवयानी खोबरागड़े बहाल, पर अमेरिकी वॉरंट का डर बरकरार

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। न्यूजीलैंड से भारत के उच्चायुक्त को वापस बुलाये जाने के बाद देवयानी खोबरागड़े फिर से सुर्खियों में हैं। अमेरिका में उनके खिलाफ मुकदमा अभी भी बंद नहीं हुआ है इसका खामियाजा अभी तक उन्हें भुगतना पड़ रहा है। देवयानी के मामले ने भारत-अमेरिका संबंधों को पटरी से उतारने की हद तक ला दिया था।
विदेश मंत्रालय ने अब देवयानी की स्थिति को बेहतर करने के लिए उन्हें एक महत्वपूर्ण विभाग में डायरेक्टर बनाकर फिर से बहाल कर दिया है। लेकिन 1999 बैच की इस IFS ऑफिसर के खिलाफ अमेरिकी वॉरंट की मौजूदगी की वजह से वह विदेश नहीं जा सकती हैं। पिछले साल दिसंबर में देवयानी से जिम्मेदारियां वापस ले ली गई थीं और विजिलेंस इन्क्वॉयरी को मीडिया में बेजा कहने के बाद उन्हें ‘कम्पल्सरी वेट’ पर रहने के लिए कहा गया था। इस इन्क्वॉयरी में देवयानी से पूछा गया था कि उनकी दो बेटियों के पास भारत और अमेरिका दोनों के पासपोर्ट किस तरह से आए। देवयानी को फिर से बहाल करने का फैसला विदेश सचिव एस जयशंकर ने लिया है। जयशंकर का मानना है कि उन्हें गैरजरूरी तौर पर पीड़ित किया गया है। हालांकि बहाली के फैसले से देवयानी की मुश्किलें खत्म नहीं होने वाली हैं क्योंकि वह विदेश यात्रा नहीं कर पाएंगी और उनके बच्चे भारत के बाहर ही रहेंगे। देवयानी ने पिछले हफ्ते PMO में वरिष्ठ अधिकारियों से अपने केस के सिलसिले में मुलाकात की थी। देवयानी के बच्चों के यात्रा दस्तावेजों को रद्द करने के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा पलटे जाने के बाद भी पासपोर्ट फिर से जारी नहीं किए गए हैं। उनकी बेटियां अपने पिता के साथ अमेरिका में गर्मी की छुट्टियां मना रही हैं और उन्हें वापस लौटने के लिए भारतीय वीजा की जरूरत है। सरकार ने फैसला किया है कि वह देवयानी के केस को अमेरिकी कोर्ट में ले जाने की बजाय मसले के राजनीतिक समाधान का रास्ता निकालने की कोशिश करेगी।
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