नहीं लागू होगा ऑड-इवन, NGT की शर्तों के बाद दिल्ली सरकार ने बदला फैसला

नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण पर लगाम के मकसद से प्रस्तावित वाहनों के ऑड-इवन फॉर्मूले को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में इजाजत दे दी है. हालांकि एनजीटी ने इसके साथ ही कुछ शर्ते भी लगाई हैं.

एनजीटी की इन शर्तों के बाद दिल्ली सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है. केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि अब 13 नवंबर से प्रस्तावित ऑड-इवन लागू नहीं किया जाएगा.

महिलाओं को छूट की अपील करेगी सरकार

दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो NGT से महिलाओं और टू-व्हीलर्स को ऑड-इवन के दायरे से बाहर रखने की मांग करेगी. ताकि महिलाओं की सुरक्षा पर कोई आंच न आए.

इस संबंध में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली में डीटीसी से हर रोज 30 लाख पेसेंजर ट्रैवल करते हैं. उन्होंने बाताया कि दिल्ली में 66 लाख टू-व्हीलर हैं, ऐसे में अगर 50 फीसदी बाइक सड़क से हटती हैं तो 3500 बस लानी पड़ेंगी, जो संभव नहीं है.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप इसे लागू करें, लेकिन इसमें किसी सरकारी अधिकारी, महिला या दो पहिया वाहनों को कोई छूट नहीं दी जाए. हालांकि सीएनजी वाहनों, एंबुलेंस और दमकल जैसी आपातकालीन सेवाओं को ऑड-इवन योजना से छूट की एनजीटी ने इजाजत दी थी.

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि शहर में जब भी PM10 का स्तर 500 और PM2.5 का स्तर 300 के पार हो तो दिल्ली में खुद ब खुद ऑड इवन लागू हो जाए. कोर्ट ने साथ ही कहा कि अनुमान के अनुसार 48 घंटे तक बारिश नहीं होती है, तो किसी माध्यम से पानी का छिड़काव भी कराना होगा.

इसके साथ एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में चल रहे 13 थर्मल प्लांट सल्फेट गैस छोड़ रहे हैं. ये PM10 और 2.5 का स्तर बढ़ा रहे हैं. इन्हें अपग्रेड किया जाए, हम समिति को निर्देश देते हैं कि इस पर हमें रिपोर्ट दें.एनजीटी ने कहा कि रोक के बावजूद जगह जगह निर्माण कार्य चल रहा है. NHAI अक्षरधाम पर निर्माण कार्य कर रहा है. एम्स के सामने किदवई नगर में NBCC का काम चल रहा है. इस पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए NHAI और NBCC को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि कोर्ट का आदेश न मानने के कारण आपको जेल न भेजा जाए.

एनजीटी ने इस संबंध में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अगली सुनवाई तक वहां कोई निर्माण कार्य न हो. इसके साथ उन्हें कूड़े और परानी न जलाने को लेकर एक्शन रिपोर्ट मांगा है. अधिकरण ने साथ ही कहा कि किसी भी लैंडफिल साइट में आग न लगाई जाए. अगर ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ़ कार्रवाई होगी.

इससे पहले एनजीटी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई. इस मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने केजरीवाल सरकार से वह आर्डर दिखाने को कहा, जिसमें ऑड इवन लागू करने की बात है.

NGT ने केजरीवाल सरकार से पूछे ये सवाल

1. कौन सी स्टडी के आधार पर ऑड-इवन लागू किया?2. क्या आपने इस पर उपराज्यपाल से इजाजत ली?

3. पिछले 10 दिन में ऑड इवन लागू क्यों नही किया?

4. ऑड इवन में दो पहिया वाहनों को छूट देने का वैज्ञानिक आधार क्या है?

5. दिल्ली में क्या कभी PM10 का स्तर 100 रहा है? किसी ऐसे शहर का नाम बताइए जहां PM-10 का स्तर 100 से नीचे हो

एनजीटी ने इस दौरान कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्रीय पूदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को कोई जानकारी ही नहीं है. अधिकरण ने बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, हमारे सब्र का इम्तिहान मत लीजिए. एनजीटी ने साथ ही पूछा, ‘ऑड इवन लागू करने पर अपनी मंशा बताइए. कोर्ट के आदेश से पहले आपने ऑड इवन क्यों लागू नहीं किया. क्या हालात सिर्फ 5 दिन के लिए गंभीर हुए हैं?’

एनजीटी ने पूछा, क्या पिछले 2 दिन में पेट्रोल से चलने वाली 15 साल पुरानी या 10 साल पुरानी डीजल एक भी गाड़ी आपने उठाई है. अधिकरण ने अपने आदेश में कहा, एंट्री पॉइंट पर ट्रैफिक चेक कीजिए.

अवैध निर्माण कार्य पर लगाएं 1 लाख जुर्माना

कोर्ट ने कहा यमुना के पास बेहिसाब खुदाई हो रही है. हमारे कहने पर कितने बिल्डर्स पर चालान काटे गए, एक बिल्डर का नाम बताइए? अगर निर्माण कार्य जारी है, तो आप एक लाख का दंड लगाइए.

दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वायु प्रदूषण पर काबू के लिए 13 नवंबर से 17 नवंबर तक शहर में ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने की घोषणा की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने इसकी इजाजत दे दी.

 

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