पंजाब में गोताखोरों की मदद से नशे की खेप भेज रहे हैं पाकिस्तानी तस्कर

फिरोजपुर। सीमापार पाकिस्तान में बैठे नशे के तस्करों ने ड्रग्स की खेप को अंतरराष्ट्रीय सीमा के इस पार भेजने के लिए नया तरीका ईजाद कर लिया है। इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक, इस काम को अब प्रशिक्षित गोताखोरों की मदद से अंजाम दिया जा रहा है।

बीएसएफ द्वारा सीमा पर चौकसी बढ़ाने के बाद तस्करों ने गोताखोरों को काम पर रखना शुरू कर दिया है, जोकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पंजाब के फिरोजपुर, गुरदासपुर और अमृतसर सेक्टर में 35 किलोमीटर तक फैले जलीय इलाके का इस्तेमाल खेप पहुंचाने के लिए करते हैं। बीएसएफ ने ड्रग्स सप्लाई पर लगाम लगाने के लिए हाल ही में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ यूएवी, लेजर वॉल्स और थर्मल इमेजर्स को भी सीमा पर लगाया है।

बीएसफ पंजाब में 553 किलोमीटर (518 किमी स्थल और 33 किमी जलीय) अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करती है और पिछले तीन सालों में सैकड़ों करोड़ मूल्य की 729 किलो मादक पदार्थ (अधिकतर हिरोइन) जब्त कर चुकी है।

सबसे अधिक 340 किलो रिकवरी फिरोजपुर सेक्टर से हुई है। तस्करों के नए तरीके का खुलासा एक नशीली दवाएं बेचने वाले आरोपी से पूछताछ के दौरान हुआ, जिसने बताया कि उस तक खेप गोताखोरों की जरिए पहुंची।

 इंटेलिजेंस ऑफिसर के मुताबिक, विशेष रूप से प्रशिक्षित ये आतंकवादी उपकरणों से लैस होते हैं और पंजाब में घुसने के लिए सतलुज और रावी नदियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये सीमा के आर-पार वॉट्सऐप के जरिए बातचीत करते हैं।

फिरोजपुर सेक्टर में बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम बिना फेंसिंग वाली जलीय सीमा की सुरक्षा के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन स्कूबा डाइवर्स असली चुनौती पेश कर रहे हैं।’ उनके मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि गोताखोर री-ब्रेथर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे पानी की सतह पर बुलबुले नहीं बनते। इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई है।

 

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