पकिस्तान के खिलाफ कड़ा स्टैंड लेने की जरूरत- मायावती

नई दिल्ली। पठानकोट हमले की जांच के लिए भारत आई पाकिस्तान की जांच टीम द्वारा भारत में सीमापार से आतंकी वारदात के सबूतों को नकारने पर बसपा मुखिया मायावती ने चिंता जताई है। मायावती ने कहा है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला बहुत ही संवेदनशील मामला है। इस मामले पर केंद्र सरकार को विपक्षी पार्टियों को विश्वास में लेकर दृढ़ इच्छाशक्ति वाली एक विदेश नीति पर अमल करने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संबंध में भारत सरकार को भविष्य के लिए सतर्क हो जाना चाहिए। पाकिस्तानी जेआईटी के नकारात्मक रवैया अपनाने से आतंकवाद से निपटने हेतु पाकिस्तान की नीयत साफ दिख जाती है।
पठानकोट हमले पर पाकिस्तान के खिलाफ स्टैंड लेने की राह देख रहा है देश
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा है कि वास्तव में अपने देश के लोग अंधकार में ही हैं क्योंकि पाकिस्तान की आरंभिक प्रतिक्रिया मायूस करने वाली ही लगती है। देश के लोग अभी इस मामले में भारत के स्टैंड का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ आपसी संबंध के मामले के साथ-साथ पठानकोट का आतंकी हमला एक अत्यंत ही संवेदनशील मामला है। इसको भारत सरकार द्वारा गंभीरता से लेकर अपना फैसला करना चाहिए था। परन्तु इस संबंध में भारत सरकार की ताजा रणनीति कामयाब होती नजर नहीं आ रही है।’
देशहित से समझौता न करे केंद्र सरकार
इस मामले में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ विदेश नीति का मामला सीधे तौर पर देशहित व देश सुरक्षा से जुड़ा है। इस कारण इस पर एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाली स्थायी नीति पर अमल करने की जरूरत है, ताकि देश को बार-बार के आतंकी हमलों और व सीमा पर तनातनी व गोलीबारी से मुक्ति मिल सके। इससे पहले उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी जांच दल को भारत बुलाकर उसका काफी गर्मजोशी से रेड कारपेट स्वागत करना और उसे वायुसेना हवाई अड्डे आदि स्थानों पर ले जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का एक नया आविष्कार है। इसमें देश के ज्यादातर लोगों को भारत सरकार की कमजोरी ही दिखती है।
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