बौद्ध धर्मगुरु करमापा उग्येन अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर, चिढ़ सकता है चीन

karmapaनई दिल्ली। भारत में भ्रमण पर लगी रोक हटने के बाद अरुणाचल प्रदेश गए बौद्ध धर्म के 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजी की यात्रा से चीन चिढ़ सकता है। दरअसल चीन न केवल अरुणाचल प्रदेश को विवादित हिस्सा मानता है बल्कि वह करमापा को 17 साल पहले उसकी कैद से भागा हुआ भगोड़ा बताता है। करमापा भारतीय सरकार की निगरानी में अरुणाचल दौरे पर हैं।

गौरतलब है कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमिटी ने हाल ही में करमापा के भारत में घूमने पर लगे रोक को हटा लिया था। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने अरुणाचल में करमापा से मुलाकात के बाद कई ट्वीट किए। रिजिजू ने अपने ट्वीट में कहा कि करमापा का अरुणाचल में जोरदार स्वागत हुआ। 900 साल बाद 17वें करमापा ने अरुणाचल की यात्रा की है। हालांकि चीन के इस मसले पर भड़कने की उम्मीद कम ही है क्योंकि इससे उसके अलग-थलग पड़ने की आशंका है।

17 वें करमापा ने अरुणाचल की अपनी यात्रा सोमवार को शुरू की थी। हवाई अड्डे पर अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू ने करमापा की अगुआई की थी। शुक्रवार को करमापा ने नुकामदुंग में युद्ध स्मारक का दौरा किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। गौरतलब है कि आखिरी बार 900 साल पहले तीसरे करमापा रंगजुंग दोरजे ने अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी। दोरजे का 1339 में निधन हो गया था।

उल्लेखनीय है कि 2011 में हिमाचल प्रदेश पुलिस ने करमापा के ट्रस्ट के कार्यालयों पर छापे मारे थे जिनमें छह करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बरामद की गई थी। छापे में 25 देशों की मुद्राएं पाई गई थीं, जिसमें चीन, ताइवान, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, थाईलैंड, वियतनाम और जर्मनी की करंसी शामिल थी। उस समय करमापा पर चीन का एजेंट होने का संदेह हुआ था। इसके बाद केन्द्र सरकार ने उनकी यात्राओं को सीमित कर दिया था। बता दें तिब्बती नेताओं खासकर दलाई लामा और करमापा को भारत में खास तवज्जो दी जाती है और चीन इससे चिढ़ता रहा है।

 

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