भारत के खौफ से नहीं उबर पा रहा पाकिस्तान: अफगानिस्तान

nawaz-rahil-21न्यू यॉर्क। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने आतंकवाद को हराने के लिए पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद की ‘शरणस्थलियों’ को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों से निपटने में पाकिस्तान की इच्छाशक्ति कम होने की वजह ‘भारत का खौफ’, उसका सैन्य और असैन्य तनाव के साथ पड़ोसियों के साथ विश्वास की कमी है।

अफगान विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी से जब पाकिस्तान को उग्रवादी समूहों से निपटने की प्रेरणा देने वाली चीज और तालिबान के साथ अन्य आतंकी समूहों से निपटने में उसकी ‘इच्छाशक्ति की कमी’ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान इस तरह का बर्ताव इसलिए करता है क्योंकि उसे भारत का खौफ है। उनके बीच सैन्य और असैन्य तनाव है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच विश्वास का अभाव है।’

मंगलवार को विदेशी संबंध परिषद में एक वार्ता में हिस्सा लेते हुए रब्बानी ने कहा कि इन तीन कारणों में से अफगानिस्तान और पाकिस्तान विश्वास की कमी के मुद्दे पर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय एकजुटता सरकार के गठन के बाद हमने पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ कोशिश की और हमने संबंधों का एक नया अध्याय शुरू करने की कोशिश की। पाकिस्तानी नेताओं में भारत के खौफ और सैन्य एवं असैन्य तनाव के मामले को हल करने के लिए उन्हें काम करना है।’
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को नहीं लगता कि हिंसा और आतंक जल्द ही खत्म होगा क्योंकि ‘तालिबान और उसके सहयोगी समूह पाकिस्तान में मौजूद तत्वों से मिलने वाले साजो सामान, आर्थिक सहयोग और मिलने वाली सामग्री पर फलते-फूलते हैं।’

काबुल यह लगातार कहता आया है कि आतंकवाद को अफगानिस्तान या कहीं और तब तक नहीं हराया जा सकेगा, ‘जब तक अच्छे और बुरे आतंकियों के बीच अंतर करना जारी रहेगा’ और आतंकियों की शरणस्थलियों की समस्या को नहीं सुलझाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘चूंकि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है, हमने हमारे खिलाफ हथियार उठाकर खड़े उन तत्वों के साथ शांति और मैत्री के अवसर का द्वार बंद नहीं किया है, जो हिंसा छोड़ने के लिए तैयार हैं। फिर भी हम यह जानते हैं कि सफलता की संभावना इस बात पर निर्भर है कि पाकिस्तान की सरकार चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई के लिए किस हद तक तैयार है।’

पाकिस्तान में शरण पाए हुए आतंकी समूहों के बारे में उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा में वृद्धि दिखाती है कि आतंकवादी समूहों को ‘कहीं और से’ लगातार सहयोग मिल रहा है वरना वे कई प्रांतों में एक ही समय पर लड़ने में समर्थ न होते। उन्होंने इस साल मई में पाकिस्तान में हवाई हमले में मारे गए तालिबानी नेता का हवाला देते हुए कहा, ‘हमने देखा कि उनका नेता मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर कहां मारा गया।’ रब्बानी ने कहा, ‘उनकी शरणस्थलियां, ठिकाने पाकिस्तान में कहीं हैं। पाकिस्तानी नेतृत्व को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये समूह उन इलाकों में संचालन न करें।’

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button