मायूस हुए राहुल बजाज, कहा- यह नरेंद्र मोदी सरकार नहीं

नई दिल्ली। देश के दिग्गज उद्योगपति और राज्यसभा सांसद राहुल बजाज नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों में शुमार किए जाते हैं। लेकिन, अब मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार के काम-काज से वह खुश नजर नहीं आ रहे। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत से मोदी की छवि जैसी चमकी थी, उसे उनके नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार खो रही है।
पीएम मोदी की चुनावी जीत का हवाला देते हुए बजाज ने कहा’ ’27 मई, 2014 को हमें एक सम्राट मिला था। दुनिया के बहुत कम ऐसे देश हैं जहां पिछले 20 से 30 सालों के इतिहास में ऐसी सफलता मिली हो। मैं इस सरकार के विरुद्ध नहीं हूं। लेकिन, सच्चाई यही है कि चमक फीकी पड़ती जा रही है।’ उन्होंने कहा कि वह वही कह रहे हैं जो हर आदमी बोल रहा है। बजाज ग्रुप के चेयरमैन 77 वर्षीय राहुल बजाज के मुताबिक, सरकार और खासकर पीएम मोदी के घटते इकबाल के सबूत पिछले कई चुनावों में सामने आए हैं। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में यह दिखा, फिर पश्चिम बंगाल के निकाय चुनावों में यही सामने आया। हम तो दोनों ओर से सर्वोत्तम की उम्मीद करते हैं। मैं भारत की भलाई चाहता हूं। मैं एक बाहरी हूं, मैं कुछ भी नहीं जानता। लेकिन, अगर बीजेपी (बिहार में) अच्छी सरकार बनाती है, तो कुछ भरपाई हो जाएगी। बंगाल, केरल, असम, पांडिचेरी में (विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए) उम्मीदें बरकरार हैं।’
ब्लैक मनी पर सरकार की ओर से तीन महीने का कम्प्लायंस पीरियड तय करने पर बजाज ने कहा कि बिजनस कम्यूनिटी इस बात को लेकर चिंतित है कि सरकार ने ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया है कि काला धन डिक्लेयर करने वाले को भविष्य में मुकदमेबाजी नहीं झेलनी होगी। उन्होंने कहा, ‘मैं इसे (काले धन को) सार्वजनिक कर दूं और आप कह दें कि यह अवैध डिक्लेरेशन है। अगर ऐसा है तो मैं डिक्लेयर नहीं कर सकता। मैं करना भी नहीं चाहूंगा। बल्कि, मैं सुप्रीम कोर्ट जाकर लड़ाई लड़ना चाहूंगा। इतना तो तय है कि मेरे जीते जी तो मुझे कुछ नहीं होने वाला।’ उन्होंने कहा कि सरकार को काले धन की घोषणा के मामलों को करीब से मॉनिटर करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि टैक्स अधिकारी किसी को प्रताड़ित नहीं कर सकें। उन्होंने आगे कहा, ‘सभी कहते हैं… इनकम टैक्स ऑफिसर, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट, उस स्तर के अन्य अधिकारी पहले ही जैसे ही हैं। वे प्रताड़ित करेंगे ही।’ राहुल बजाज ने कहा कि उन्हें कानून तोड़ने वाले किसी भी बिजनसमैन से कोई सहानुभूति नहीं है। लेकिन, कानून के पीछे का पूरा दर्शन ही मामलों को सुलझाने का है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि स्पष्ट धारणा के साथ ड्राफ्टिंग (कंप्लायंस विंडो की) की गई है। मैं पूरे ग्रुप के लिए ऐसा नहीं कह सकता। जिसने भी यह किया उसके प्रति मेरी कोई सहानुभूति नहीं है, क्योंकि यह प्रतिशोध के लिए किया गया है।’ राहुल बजाज यहीं नहीं रुके। उन्होंने यहां तक कह दिया, ‘यह नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं है।’
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