मुंबई बारिशः 12 साल पहले मरे थे 400 लोग, बेहद खतरनाक हैं अगले 24 घंटे

मुबंई। महाराष्ट्र के मुंबई में पिछले तीन दिन से रुक-रुक कर हो बारिश रही सोमवार को भयावह हो गई. मूसलाधार बारिश की वजह से मुंबई में निचले हिस्से जलमग्न हो गए. कई इलाकों की सड़कें डूब गई, अस्पतालों में पानी भर गया. गाड़ियों की रफ़्तार धीमी पड़ गई. लोग अपने घरों में कैद हो गए.

मुंबई में बारिश और बाढ़ का ऐसा मंजर 12 साल पहले 2005 में देखने को मिला था. तब राजधानी समेत पूरे महाराष्ट्र पर मौसम का कहर टूटा था. इसमें करीब 850 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई थीं. अकेले मुंबई में मरने वालों की संख्या करीब 400 से ज्यादा थी.

रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सोमवार को रौद्र रूप धारण किया. कुछ लोकल रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मंगलवार सुबह 10 बजे से यह और तेज हो गई है. मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटे इसके मूसलाधार होने की आशंका जताई है. मुंबई के इलाकों में किस कदर बारिश हो रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शांताक्रूज में तीन घंटे के अंदर 87 मिमी बारिश हुई है. जबकि दादर (155 मिमी), महालक्ष्मी परिसर (105 मिमी) बारिश रिकॉर्ड हुई है. पिछले 24 घंटों के दौरान मुंबई में औसत 15 सेमी बारिश रिकॉर्ड हुई है. रेल ट्रैक पर पानी भरने की वजह से मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों के संचालन पर इसका असर पड़ा है. बता दें कि हार्बर रेलवे पर अप और डाउन गाड़ियां ठप हैं.

मुंबई के किन इलाकों में भरा है देखें मैप…

लोगों के लिए अलर्ट जारी

मुंबई में अगले 24 घंटे के अंदर भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. एक मराठी वेबसाइट महाराष्ट्र टाइम्स से बातचीत में आपातकालीन विभाग के प्रमुख महेश नार्वेकर ने बताया कि 24 घंटे में मूसलाधार बारिश की आशंका को लेकर लोगों को घरों से बाहर न निकलने को कहा गया है. स्कूल और कॉलेजों को छुट्टी देने को कहा गया है.

अस्पताल में पानी भरा तो दूसरी मंजिल पर शिफ्ट किए गए रोगी

परल स्थित केईएम अस्पताल में बारिश का पानी भर गया. अस्पताल प्रशासन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डीन डॉ. अविनाश सुपे ने ‘लोकमत’ को बताया कि अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में पानी भरने के बाद करीब 30 मरीजों को अस्पताल की दूसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया है. इस बीच एनडीआरएफ की दो टुकड़ियों को मुंबई रवाना कर दिया गया है.

महाराष्ट्र के दूसरे इलाकों में भी बारिश का खतरा

मुंबई के अलावा महाराष्ट्र के कई और इलाकों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है. कोंकण, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में भी अगले 24 घंटे में मूसलाधार बारिश की आशंका जताई गई है. 

12 साल पहले बंद हो गए थे बंदरगाह, हवाई अड्डे

2005 की आफत की बारिश में मुंबई का बंदरगाह करीब चार दिनों तक बंद रहा था. राजधानी का हवाई अड्डा भी बंद रहा. मुबई की औद्योगिक इकाइयां ठप पड़ गई थीं. तब शेयर बाजार बंद होने की वजह से करोड़ों का नुकसान हुआ था. केंद्र सरकार ने तब महाराष्ट्र को बाढ़ से निपटने के लिए 500 करोड़ रुपए की तत्काल सहायता दी थी. बाद में और मदद दी गई.

 

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