मुस्लिमों की फांसी पर सरकार ने आंकड़ों से दिया जवाब

bतहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, नई दिल्ली। देश में याकूब की फांसी को लेकर छेड़ी गई बहस के जवाब में सरकार ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि 1991 से अब तक 26 लोगों को फांसी दी गई है, जिनमें से सिर्फ चार लोग मुस्लिम थे । सरकारी सूत्रों ने कहा कि इन आंकड़ों के बाद भी कुछ मीडिया चैनलों ने पूरे मामले को ऐसे पेश किया जैसे अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा हो।
सूत्रों के मुताबिक, आईबी की ओर से दी गई आंतरिक रिपोर्ट में कुछ मीडिया चैनलों की ओर से याकूब की फांसी को लेकर दिखाई जा रही रिपोर्टों को देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया गया था। यही नहीं, रिपोर्ट में कहा गया था कि इस तरह की खबरों समुदायों के बीच खाई पैदा करने का काम कर रही हैं। इसके बाद सरकार ने आज तक, एबीपी न्यूज, एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी 24×7 को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार ने चैनलों के इस रवैये को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही गलत साबित करने के प्रयास जैसा माना है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक इस पूरे मामले में कम- से-कम न्यूज चैनलों से जवाब-तलब करना तो जरूरी ही था। चैनलों की रिपोर्ट की समीक्षा करने वाले सूत्र ने कहा, ‘बेअंत सिंह और राजीव गांधी के हत्यारों की सजा को उम्रकैद में बदलने की बात बार-बार दोहराई गई, लेकिन सच यह है कि इन सभी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन यूपीए सरकार की ओर से दया याचिका के निपटारे में देरी के चलते, सुप्रीम कोर्ट ने इनकी फांसी को उम्रकैद में तब्दील कर दिया।’
जारी हो सकती हैं नई गाइडलाइंस
याकूब की फांसी के मामले में कथित आपत्तिजनक रिपोर्टिंग के बाद सरकार टीवी चैनलों की कवरेज के लिए नए गाइडलाइंस जारी करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने गुरदासपुर आतंकी हमले में भी टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग को सही नहीं पाया है।

 

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