रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी नहीं, हम करेंगे डिपॉर्ट: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को साफ कहा कि म्यांमार से भारत में घुस आए रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी नहीं हैं और इस सच्चाई को हमें समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि शरणार्थी का दर्जा प्राप्त करने की एक प्रकिया होती है और इनमें से किसी ने भी इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है। गौरतलब है कि बौद्ध बहुल देश म्यांमार में रोहिंग्याओं के खिलाफ हिंसा बढ़ने पर बड़ी तादाद में पलायन हो रहा है। इससे भारत और बांग्लादेश प्रमुख तौर पर प्रभावित हुए हैं।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इन रोहिंग्या शरणार्थियों को डिपॉर्ट करेगा। इस पर कई विपक्षी दलों ने निंदा भी की है। देशभर में रोहिंग्या संकट पर एक बहस छिड़ गई है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी कहा जा रहा है कि उस देश में जहां शरणार्थियों की जान को खतरा हो, डिपॉर्ट नहीं किया जा सकता है। इसे भारत के रुख के ठीक विपरीत माना जा रहा है।
Myanmar se Bharat ghus aaye ye #Rohingya refugee nahi hain iss sachchai ko hume samajhna chahiye: Home Minister Raj… https://t.co/y6jlPeNiZ2
— ANI (@ANI) 1505975551000
इस बीच, गृह मंत्री ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्याओं को डिपॉर्ट कर भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करेगा, क्योंकि भारत ने 1951 यूएन रिफ्यूजी कन्वेंशन पर हस्ताक्षर नहीं किया है। उन्होंने कहा कि नॉन रिफोमेंट का सिद्धांत उन लोगों पर लागू होता है, जिन्होंने भारत में शरण ली हो। गृह मंत्री ने साफ कहा कि आज तक किसी भी रोहिंग्या मुसलमान ने शरण के लिए आवेदन नहीं किया है। आगे कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि रोहिंग्या मुसलमानों का अवैध रूप से देश में रहना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है। एक दिन पहले ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा था कि करीब 4,20,000 रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार को वापस लेना ही होगा। उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए म्यांमार पर और अधिक अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की भी मांग की थी।
Principle of non-refoulement applies on those who have taken asylum in India. No #Rohingya has applied for asylum i… https://t.co/iVnskcN9N5
— ANI (@ANI) 1505976351000
इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को रोहिंग्या शरणार्थियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हलफनामे में रोहिंग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से कनेक्शन होने की बात करते हुए उन्हें किसी कीमत में भारत में रहने की इजाजत नहीं देने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए इस मामले को 3 अक्टूबर तक टाल दिया है। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में रहने की इजाजत नहीं दी सकती है।
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