तहलका एक्सप्रेस
गुड़गांव/नई दिल्ली। दिल्ली से सटे गुड़गांव (हरियाणा) में सऊदी डिप्लोमैट के चंगुल से छुड़ाई गई 44 साल की महिला और उसकी 20 साल की बेटी ने अपने ऊपर हुए जुल्मों की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी सुनाई है। लड़की ने कहा, “पिछले चार महीने हमारे लिए किसी शाप से कम नहीं थे। हमें लगता था कि हम जल्द ही मर जाएंगे और हमारे घरवालों को हमारी लाशें तक नहीं मिलेंगी।” महिला और उसकी बेटी को सऊदी अरब के एक डिप्लोमैट के घर से सोमवार रात को ही छुड़ाया गया है। महिला के मुताबिक कभी-कभी तो ऐसा हुआ कि एक दिन में सात-आठ लोगों ने उनके साथ बलात्कार किया।
महिला और उसकी बेटी को घर के काम के लिए रखा गया था लेकिन बाद में उन्हें ‘सेक्स स्लेव’ बना लिया और महीनों तक रेप किया गया। इनका आरोप है है कि केवल सऊदी डिप्लोमैट ही नहीं बल्कि उसके घर आने वाले उसके दोस्त भी उनसे रेप करते थे। महिला का कहना है, “कई बार तो एक दिन में सात से आठ लोग हमसे रेप करते थे। ये सभी सऊदी अरब के लोग होते थे। जब हम इसका विरोध करते थे तो वो लोग हमें धमकी देते कि तुम्हारा मर्डर कर लाशें किसी गटर में फेंक देंगे।” इस महिला का आरोप है कि एक दिन तो जब उसने रेप का विरोध किया तो डिप्लोमेट ने उसके हाथ पर चाकू से हमला कर दिया।
महिला का आरोप है कि कई बार तो उन्हें खाना भी नहीं दिया जाता था। उसने बताया, “डिप्लोमैट के यहां जब भी कोई गेस्ट आता तो हमें नहाने के लिए कहा जाता। फिर वो गेस्ट भी हमारे साथ रेप करता। डिप्लोमैट की पत्नी ने कभी हमें बचाने की कोशिश नहीं की बल्कि वह खुद हमें पीटती थी।” महिला ने कहा, “सारा दिन घर का काम कराया जाता और रात में हमसे रेप किया जाता। कई बार तो केवल बिस्किट खाकर गुजारा करना पड़ता। हमें कभी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था।” सऊदी डिप्लोमैट उन्हें गुड़गांव में कैद करके तो रखता ही था, नैनीताल और कई दूसरे शहरों में ले जाकर अपने मेहमानों के साथ भी छोड़ दिया करता था।
महिला का आरोप है कि डिप्लोमैट उन्हें कई बार दिल्ली से बाहर आगरा और नैनीताल भी लेकर गया। वहां कुछ गेस्ट मिलते और वे भी रेप करते। महिला के मुताबिक, “जैसे ही हमें नौकरी पर रखा गया उसके बाद हमें सऊदी अरब ले जाया गया। वहां 15 दिन रखा गया। लेकिन वहां हमसे कोई बदसलूकी नहीं की गई। हम मई में वहां से लौटे।”
महिला ने बताया, “सऊदी अरब से लौटने के बाद डिप्लोमैट हमसे मसाज को कहने लगा। इसके बाद रेप का सिलसिला शुरू हुआ। अननैचुरल और ओरल सेक्स के लिए भी मजबूर किया जाता था। बाद में डिप्लोमैट हमें अपने दोस्तों के सामने पेश करने लगा।”
पुलिस को इन मां-बेटी के साथ हो रहे जुल्म की जानकारी एक एनजीओ ‘मैती नेपाल’ ने दी। एनजीओ को जानकारी एक नेपाली महिला ने ही दी जो इसी डिप्लोमैट के यहां केवल तीन दिन काम करने के बाद भाग गई थी। एनजीओ ने इन महिलाओं तक एक मोबाइल फोन पहुंचाया। एनजीओ के मेंबर बालकृष्ण पांडे के मुताबिक, “पिछले पांच दिन से यह दोनों हमारे टच में थीं और हम उनसे हालात की पूरी जानकारी ले रहे थे। हमने उन्हें भरोसा दिलाया कि उन्हें जल्द ही वहां से निकाल लिया जाएगा।”
डिप्लोमैट के चंगुल में फंसी महिलाओं से बातचीत के बाद एनजीओ ने इसकी जानकारी नेपाल एम्बेसी को दी। एम्बेसी ने भारतीय विदेश मंत्रालय और गुड़गांव पुलिस को पूरा मामला बताया। सोमवार रात गुड़गांव पुलिस की एक टीम ने डिप्लोमैट के घर छापा मारा और दोनों को छुड़ा लिया। एनजीओ अब कोशिश कर रहा कि दोनों को नेपाल में उनके घर वापस भेजा जाए।
अप्रैल में भूकंप में घर तबाह हो जाने के बाद लड़की काम की तलाश में निकली थी। लेकिन सेक्स रैकेट के जाल में फंस गई। एनजीओ मेइती इंडिया के बालकृष्ण पांडे ने बताया कि उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर पहले सऊदी अरब ले जाया गया। वहां उन्हें जेद्दाह के एक होटल में रखा गया और सारी सुविधाएं दी गईं। लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें सऊदी शख्स के साथ भारत भेज दिया गया। बताया जाता है कि उनके साथ 26 और लड़कियों को सऊदी ले जाया गया था।
डिप्लोमैट के खिलाफ आईपीसी की सेक्शन 376D (गैंगरेप), 376 (रेप), 377, 342, 120B, 323 और 506 के तहत केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में उनकी पत्नी और अन्य दो लोगों का भी नाम है। हालांकि अबतक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। गुड़गांव पुलिस ने नेपाल एम्बेसी से कॉन्टैक्ट किया है। फॉरेन मिनिस्ट्री ने गुड़गांव पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। सऊदी एम्बेसी से भी इस बारे में बात की जा रही है।
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