सबसे बड़ी बरामदगी, इस अधिकारी ने गद्दे-पलंग के नीचे दबा रखी थीं 10 करोड़ की नई करेंसी!

कानपुर। उत्तर प्रदेश में सत्ता बदलते ही मोदी और योगी के अफसर एक्शन में हैं। इसी कड़ी के तहत इनकम टैक्स विभाग की टीम ने कानपुर के वाणिज्य कर के एडिशनल कमिश्नर केशव लाल के घर में रेड की। यहां से विभाग को 10 करोड़ रूपए की नई करेंसी गद्दे और पलंग के अंदर मिली। नोटबंदी के बाद नई करंसी में कालेधन की ये सबसे बड़ी बरामदगी है। कैश के अलावा दो किलो सोना, करोड़ों रुपए की प्रापर्टी के दस्तावेज भी बरामद कि गए हैं। देर रात तक उनके आवास में जांच जारी थी।
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 दस्तावेजों में था केशव लाल का नाम
आपको बता दें कि इनकम टैक्स के संयुक्त निदेशक अमरेश कुमार तिवारी के निर्देश पर विभाग के अफसरों ने मंगलवार को आरटीओ सुनीता वर्मा और उनके पति वाणिज्य कर ज्वाइंट कमिश्नर डी.के. वर्मा के आवास पर छापे मारे थे। 24 घंटे बाद ही वाणिज्य कर विभाग के वरिष्ठतम अधिकारी और एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड-2 केशव लाल के आवासों पर भी आयकर अधिकारी पहुंचे और छापेमारी शुरू कर दी। सूत्रों की मानें तो डी.के वर्मा के घर से इनकम टैक्स विभाग को ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनमें केशव लाल का भी नाम था।
अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी
जांच के दौरान आयकर अधिकारी उस समय दंग रह गए जब नए-नए नोटों की गडिड्यां निकलना शुरू हो गईं। कानपुर के आवास में गद्दे, पलंग, अलमारी, लॉकर और कपड़ों के बीच नई करेंसी को दबाकर रखा गया था। देर रात तक दस करोड़ रुपए से ज्यादा कैश मिल चुका था। अभी रकम बढ़ने के पूरे आसार हैं। इनकम टैक्स के एक अधिकारी के मुताबिक नई करंसी में ये देश की सबसे बड़ी बरामदगी है। इतना ही नहीं देर रात तक छानबीन में दर्जनों अघोषित संपत्ति के दस्तावेज मिल चुके थे। आयकर सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से उन पर नजर रखी जा रही थी। आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं। जांच में उन्हें सही पाया गया। इसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
सवारियों की जगह नंबर दो का माल
शताब्दी ट्रैवेल्स के पास करीब 47 लग्जरी बसें हैं। जो इंदौर, भोपाल, जयपुर, उदयपुर, रायपुर सहित देश के कई राज्यों में फजलगंज कानपुर से चलती हैं। अगर सूत्रों की मानें तो इन बसों में सवारियां तो सिर्फ नाम की ही बैठती हैं। पर इनसे नंबर दो का माल इधर से उधर जाता है। बसें ऐसी डिजाइन में तैयार करवाई गई हैं कि उन्हें दूर से देखने पर कोई भी गैर कानूनी सामान को नहीं देख सकता। साथ ही शताब्दी ट्रैवेल्स के मालिक की पकड़ सत्ता पर रहने के चलते अधिकारी भी हाथ डालने से डरते हैं। साथ ही इन अफसरों को खुश करने के लिए मुंह मागी रकम भी दी जाती है।
इनकी मिली भगत से चल रहा है खेल
सत्ता में योगी सरकार के आने के बाद इनकम टैक्स विभाग ने कानपुर में 700 अफसरों और कारोबारियों को कर चोरी के चलते राडार पर ले लिया था। इसी के चलते विभाग की टीम ने पहले शताब्दी ट्रैवेल्स के मालिक के घर पर छापा मारा। यहां से टीम को कई दस्तावेज मिले और इसी के बाद आरटीओ सुनीता वर्मा और उनके पति वाणिज्य कर अधिकारी के घर पर विभाग ने रेड की। सूत्रों का कहना है कि शताब्दी ट्रैवेल्स के मालिक आरटीओ सुनीता वर्मा, इनके पति और वाणिज्य कर के एडिशनल कमिश्नर केशव लाल को मिलाकर कारोड़ों रूपए कमाए और इसका बड़ा हिस्सा इन अधिकारियों को पहुंचाया गया। इसी जानकारी के बाद इनकम टैक्स टीम ने इन अफसरों के आवासों पर छापेमरी की।
 

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