साल 2015-16 में जेएनयू में यौन उत्पीड़न की रेकॉर्ड 39 शिकायतें मिलीं

sexual-harassmentनई दिल्ली। हाल के महीनों में विवादों में रहने वाली जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का एक ऐसा रेकॉर्ड सामने आया है जो शर्मनाक है। वित्तीय वर्ष में 2015-16 में जेएनयू में यौन उत्पीड़न की 39 शिकायतें सामने आई हैं। यह आंकड़ा भारत के किसी भी विश्वविद्यालय में सबसे अधिक है। 2014-15 में जेएनयू में यौन उत्पीड़न के 26 और 2013-15 में 25 मामले सामने आए थे।

दिसंबर में तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी ने संसद में जानकारी दी थी कि दो साल में शिक्षण संस्थानों में से जेएनयू में सर्वाधिक यौन उत्पीड़न के मामले देखने को मिले। जेएनयू में इस तरह के मामलों को देखने वाली GSCASH की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक कमिटी को जनवरी 2015 से मार्च 2016 के बीच यौन उत्पीड़न के 42 मामले मिले।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इन मामलों में से 3 की जांच पूरी हो चुकी है और केस बंद हो चुका है। यौन उत्पीड़न की 3 शिकायतें वापस ली जा चुकी हैं। 29 मामले ऐसे हैं जिनमें अभी जांच जारी है। एक केस में आरोपी के अज्ञात होने की वजह से शिकायतकर्ता को पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी गई। 6 मामले आगे नहीं बढ़ाए जा सके क्योंकि कई प्रयासों के बाद भी दोनों पक्ष सामने नहीं आए।’
जेएनयू पिछले साल भी यौन उत्पीड़न के सर्वाधिक मामलों की वजह से विवादों में रहा। हालांकि जेएनयू के अधिकारियों का कहना था कि ऐसे मामलों की संख्या अधिक इसलिए रही क्योंकि यहां ऐसी शिकायतों को दर्ज कराने का प्लैटफॉर्म दूसरे शिक्षण संस्थानों की तुलना में काफी ऐक्टिव है। इससे पहले जेएनयू के कुछ प्रफेसरों ने GSCASH पर ही सवाल उठाए थे। उनका आरोप था कि इसकी प्रक्रियाएं विकृत हैं।

जेएनयू में GSCASH की स्थापना 1999 में सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइंस के आधार पर की गई थी। इसके पैनल में जेएनयू छात्र संघ के प्रतिनिधि, जेएनयू ऑफिसर्स असोसिएशन (JNUOA), हॉस्टल वॉर्डन्स, फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ शामिल होते हैं।

 

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