स्वास्थ्य भवन अग्निकांड: सामान्य दुर्घटना है या साजिश?
तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग स्थित स्वास्थ्य भवन में शुक्रवार को एक फिर आग लग गई। इस बार घटना चौथे तल पर स्थित संयुक्त निदेशक पैरामेडिकल के कक्ष में हुई। जिससे अफरा-तफरी मच गई और लोग कार्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर इधर-उधर भागने लगे। हालांकि मौके पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों की सूझबूझ से समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने का कारण शार्ट शर्किट बताया जा रहा है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निदेशक पैरामेडिकल के कक्ष में दोपहर करीब 12.30 के करीब कक्ष में आने वाली फाल्स सिलिंग के अंदर लगी लाइन में शार्ट सर्किट हुआ। जिससे वहां बैठे लोगों पर छत का प्लास्टर टूट कर गिरने लगा। मौके पर मौजूद लोग कुछ समझ पाते इससे पहले आग ने विकराल रूप धारण करना शुरू कर दिया। लोगों ने इसकी सूचना विद्युत विभाग को दी और पावर सप्लाई तुरंत बंद कराया। संयुक्त निदेशक पैरामेडिकल के कार्यालय में मौजूद लोग बुधवार को परिसर में हुई आग की घटना की ही चर्चा कर रहे थे कि अचानक से दीवारों के ऊपरी भाग से धुंआ निकला शुरू हो गया।
लोग घबराकर इधर उधर भागने लगे। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में बिजली कर्मचारियों की मदद से आग लगने के कारणों का पता लगाया। इसके साथ शार्ट सर्किट से क्षतिग्रस्त केबिल को हटाकर नई लाइन बिछाई। तब जाकर दोपहर करीब चार बजे काम शुरू हो सका। गौरतलब कि इससे पहले बीते बुधवार को निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य (डीजी हेल्थ) डॉ. विजय लक्ष्मी के कक्ष और सभागार में भयंकर आग का हादसा हो चुका है।
गौरतलब है कि 14 जून 2015 को स्वास्थ्य भवन के दूसरे तल पर रहस्यमय परिस्थितियों में आग लग गई। आग वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय और चिकित्सा अनुभाग 4 डी में लगी, इससे जरूरी दस्तावेज व फाइलें राख हो गईं। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। फिर सीएम ने प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ की टीम के अलावा फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के विशेषज्ञों ने भी मौके से साक्ष्य बटोरे थे।
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