‘हम किस खेत की गाजर-मूली हैं सर जी के लिए’

लखनऊ। …सर जी, मुझे बिना कार्य के वेतन देते रहना और प्रतीक्षारत रखने में कौन सा जनहित निहित है…क्या ये हमारी गैरकानूनी अहंकारवश प्रताडऩा नहीं है। हमें नीचा दिखाया जा रहा है। आखिर क्यों हमारी कुर्सी-मेज छीन ली आपने चलो लोगो को हमारी खिल्ली उड़ाने में मजा आ रहा होगा। ठीक तो है, हम हैं ही किस खेत की गाजर-मूली आपके लिए सर जी।
शासन को लिखे पत्र में छिपा यह दर्द है वरिष्ठ आईएएस सूर्य प्रताप सिंह का। लोक सेवा आयोग में अभ्यर्थियों का साथ देने वाले आईएएस सूर्य प्रताप ने जब सरकार से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी तो उन्हें पद से हटाकर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया।
स्थानांतरण आदेश में यह लिखा गया था
शासन द्वारा जनहित में आपको यानि सूर्य प्रताप सिंह को वर्तमान पद से स्थानातरित करते हुए प्रतीक्षारत रखे जाने का निर्णय लिया गया है। और फिर कहा गया कि आप अपना वर्तमान पदभार छोड़कर नियुक्ति विभाग में योगदान दें।
प्रतीक्षारत रखने में कौन सा जनहित
वरिष्ठï आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने शासन को पत्र लिखा है कि क्योंकि हम, मैं और शायद आप भी जानना चाहते हैं कि मुझे स्थानांतरित कर प्रतीक्षारत रखने में कौन सा जनहितश निहित है। मुझे बिना कार्य के वेतन देने में कौन सा जनहित हो सकता है स्पष्ट नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि प्रमुख सचिव स्तर के कोई पद रिक्त नहीं हैं। कई लोगों के पास एक से अधिक विभागों के प्रमुख सचिव का चार्ज दे रखा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि मैंने गरीब पीडि़त जनता, किसानों व युवाओं के दु:ख दर्द से सम्बंधित सार्वजनिक मुद्दों को अपने स्वेच्छिक सेवानिवृति के अनुरोध पत्र में लिखा है और उठाया भी है। इसलिए मुझे प्रताडि़त करने के उद्देश्य से जनहित के नाम का सहारा लेकर मुझे स्थानांतरित कर प्रतीक्षारत रखकर प्रताडि़त किया जा रहा है तथा विभागीय कार्यवाही आदि की धमकी अखबारों में छपवाकर मानसिक यातना दी जा रही है।
प्रोटोकॉल न मिल सके इसलिए प्रतीक्षारत रखा
कहीं ऐसा तो नहीं कि जब में जनहित व सार्वजनिक कार्य से क्षेत्र में भ्रमण पर जाता हूं तो मुझे प्रोटोकॉल व सुरक्षा प्रदान न की जा सके के दुरभि उद्देश्य से मुझे प्रतीक्षारत रखा गया है। मेरे स्वैच्छिक सेवानिवृति के अनुरोध पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मेरे जनहित सार्वजनिक कार्य से क्षेत्रीय भ्रमण पर जाने पर प्रतीक्षारत रहने के दौरान प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को अनुमन्य समस्त प्रोटोकॉल व सुरक्षा प्रदान की जाए। मुझे कोई शारीरिक क्षति पहुंचती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
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