अकबर केस में पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता देगा एडिटर्स गिल्ड

नई दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर से अपील की है कि वे पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफमानहानि का दावा वापस लें. इस केस में पहली सुनवाई शुरू होने से कुछ वक्त पूर्व यह अपील जारी की गई है.

गिल्ड ने अपने एक बयान में कहा, ‘नागरिक होने के नाते एमजे अकबर अपनी सफाई में हर एक कानूनी पक्ष का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन आपराधिक मानहानि का दावा करना किसी मशहूर संपादक के लिए कायदे से परे है.’

अकबर ने सोमवार को प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है. रमानी ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. रमानी के साथ 15 अन्य महिलाओं ने पूर्व विदेश राज्य मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला है. रविवार को अफ्रीकी दौरे से लौटने के बाद अकबर ने कहा, ‘मेरे खिलाफ राजनीतिक मकसद से महिलाओं ने गंदे आरोप लगाए.’ मानहानि का मुकदमा किए जाने के बावजूद अकबर के खिलाफ आरोप नहीं रुके, तो उन पर इस्तीफे का दबाव बनता गया. आखिरकार बुधवार शाम को अकबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि आरोपों के खिलाफ वे व्यक्तिगत स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे.

गिल्ड ने अपने बयान में कहा कि अकबर ने न तो प्रिया रमानी के खिलाफ केस वापस लिया और न ही उसी प्रकार का केस उन अन्य महिलाओं के खिलाफ किया जिन्होंने आरोप लगाए हैं. इसलिए गिल्ड रमानी की हर प्रकार से मदद के लिए तैयार है. गिल्ड का यह भी कहना है कि आरोप लगाने वाली अन्य महिलाएं अगर चाहें, तो कानूनी सहायता देने में मदद की जाएगी.

गौरतलब है कि एमजे अकबर पूर्व में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रह चुके हैं और आज वही गिल्ड उनके खिलाफ खड़ा हो गया है.

 

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