अखलाक हत्या पर बोले बीजेपी नेता, गोहत्या होगी तो खून खौलेगा ही

Dadri-Lynchingतहलका एक्सप्रेस

लखनऊ/दादरी। दो दिन पहले घर में गोमांस रखने और खाने की अफवाह के बाद 50 साल के मोहम्मद अखलाक की दादरी में हिंसक भीड़ ने हत्या कर दी थी। उत्तर प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने इस मामले में कहा है कि यदि अखलाक के घर में गोमांस था तो यह गलत है। इन नेताओं ने यह भी कहा कि आरोपियों पर अखलाक मामले में हत्या नहीं गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। इन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे बिसाड़ा गांव में महापंचायत करेंगे। सीपीएम की पोलित ब्यूरो सदस्त वृंदा करात ने कहा कि यह घटना बीजेपी की सोची समझी रणनीति है। करात ने मोदी सरकार में संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इस मामले में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश बीजेपी यूनिट के उपाध्यक्ष श्रीचंद शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘अखलाक की मौत ज्यादा चोट के कारण नहीं हुई, बल्कि दहशत के कारण मर गया। किसी ने कह दिया था कि उसके बेटे की मौत हो गई और वह इस सदमे को सह नहीं पाया। ऐसा हर दिन होता है। जब हम लोगों की भावनाओं को आहत करते हैं तो इस तरह के संघर्ष होते हैं। यह कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं था। हिन्दू समुदाय के लोग गाय की पूजा करते हैं। ऐसे में कोई गाय की हत्या करेगा तो क्या लोगों का खून नहीं खौलेगा।’

दादरी से बीजेपी के पूर्व विधायक नवाब सिंह नागर ने कहा, ‘यदि गाय की हत्या हुई थी और खाया गया है तो मुस्लिमों की गलती है। यहां गो हत्या बैन है और यह हिन्दुओं की आस्था और विश्वास का मामला है। जाहिर है गोहत्या जैसी वारदात होगी तो लोगों को गुस्सा आएगा और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी। यदि मामला ऐसा ही था तो वह परिवार गलत है। उन्होंने गोमांस खाया है तो इसकी जवाबदेही लेनी होगी। यह ठाकुरों का गांव है और वे अपनी भावनाओं को तगड़े तरीके से जाहिर करते हैं। यदि वे ऐसा करते हैं तो उन्हें इसका खयाल रखना चाहिए कि इसका अंजाम क्या हो सकता है।’

पुलिस का कहना है कि अखलाक के घर से मिले मांस को फॉरेन्सिक डिपार्टमेंट में जांच के लिए भेज दिया गया है। अखलाक की बेटी सजिदा ने कहा, ‘जिसे बीफ कहा जा रहा है वह मटन था। फ्रीज में हमलोगों ने मटन रखा था।’ नागर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह वाकया कोई प्रायोजित नहीं था। उन्होंने कहा कि जब लोगों की धार्मिक भावना आहत होती है तो वे अचानक आंदोलित हो जाते हैं और इस तरह की वारदात हो जाती है।

बीजेपी और बीएसपी के नेताओं ने बिसाड़ा गांव का दौरा किया है। इन नेताओं ने पीड़ित फैमिली से मुलाकात की। इन्होंने इस मामले में 6 आरोपियों के रिश्तेदारों से भी मुलाकात की। सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस गांव से दूरी बना रखी है। पार्टी ने आधिकारिक रूप से कोई बयान भी जारी नहीं किया है। इस में मामले में समाजवादी पार्टी ने केवल प्रेस रिलीज जारी कर दिया है।

शर्मा ने कहा कि इस मामले के लिए राज्य प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक खास परिवार के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी गुरुवार को जिला प्रशासन से मुलाकात करेगी। शर्मा ने कहा कि हम अपनी पांच मांगों के साथ मिलेंगे। हमें पता चला है कि इस मामले में केस आईपीसी के सेक्शन 302 (हत्या) और 307 (हत्या की कोशिश) के तहत दर्ज किया गया है। शर्मा ने कहा कि जब हत्या प्रायोजित नहीं थी तो आईपीसी की इन धाराओं के तहत मामले क्यों दर्ज किये गए? उन्होंने कहा कि यह आपसी संघर्ष में हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस मामले में आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज करना चाहिए। बीजेपी नेता कहा कि यह गैरइरादतन हत्या है न कि हत्या। शर्मा ने कहा कि पीड़ित परिवार वालों के खिलाफ भी मामला दर्ज करना चाहिए क्योंकि पूरी वारदात गोहत्या के कारण हुई है।

उन्होंने कहा कि पुलिस को पीड़ित परिवार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। शर्मा ने कहा, ‘गांव में पूरी तरह से डर का माहौल है। लोगों में गिरफ्तार होने का डर है। पुलिस को इस तरह के व्यवहार पर लगाम लगाने की जरूरत है। जिला प्रशासन को इस मामले में लोगों की समस्या निष्पक्ष तरीके से सुनना चाहिए। हमलोग 11 अक्टूबर को बिसाड़ा गांव में महापंचायत की तैयारी कर रहे हैं। गांव दर गांव जाकर हम लोगों को लामबंद करेंगे। हम इस तरह की प्रताड़ना को नहीं सह पायेंगे।’

 

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