अनुच्‍छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले का दिल खोलकर स्‍वागत कर रहे कश्‍मीरी

कुपवाड़ा। जम्‍मू और कश्‍मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद घाटी के लोगों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का दिख खोलकर स्‍वागत करना शुरू कर दिया है. कभी सियासत और आतंक के डर से खामोश रहने वाले लोगों ने अब खुलकर बोलना शुरू कर‍ि दिया है कि उन्‍हें धारा 370 और 35ए की वजह से अबतक कोई फायदा नहीं मिला है. उन्‍होंने कहा है उन्‍हें रोजगार और रोटी चाहिए. सरकार को इन्‍हीं दो बातों पर अब खास ध्‍यान देना चाहिए.

जम्‍मू और कश्‍मीर के हंदवाड़ा में व्‍यवसाय करने वाले फारूक अहमद सोफी का कहना है कि 1947 से लेकर आजत हमें सिर्फ सपने दिखाए गए हैं. आम आदमी के लिए केंद्र सरकार द्वारा जो कुछ भी किया गया है, वह किन लोगों की जेबों में गया है, यह हम पूछ नहीं सकते हैं. जम्‍मू और कश्‍मीर में किसी की भी सरकार रही हो, उन्‍होंने सिर्फ हम लोगों को दबा कर रखा है. उन्‍होंने बताया कि जम्‍मू और कश्‍मीर में भारी भ्रष्‍टाचार और बेरोजगारी है. केंद्र सरकार को इन बातों पर ध्‍यान देना चाहिए.

धारा 370 और 35ए पर फारूक अहमद लोन का कहना है कि धारा 370 और 35ए से जम्‍मू और कश्‍मीर के लोगों को न पहले इससे मतलब था और न आज हमें इससे मतलब है. आज तक हमें इससे कोई फायदा नहीं हुआ है. घाटी से धारा 370 हटने से हमें क्‍या फायदा होगा, यह तो भविष्‍य में ही पता चलेगा. उन्‍होंने कहा कि हमारा यही मानना है कि अंधे तो दो आंखे चाहिए और भूखे तो दो रोटी चाहिए् हमारा यही मुद्दा है.

उन्‍होंने कहा कि हम मानते हैं कि बेरोजगारी दूर करने के लिए सभी को नौकरियां नहीं दी जा सकती हैं, लेकिन जो लोग कारोबार करना चाहते हैं, उन्‍हें परेशान किया जा जाता है. उनसे बोला जाता है कि ये करो-वो करो. जम्‍मू और कश्‍मीर बैंक केस का जिक्र करते हुए फारूक अहमद सोफी ने कहा कि लोगों ने कहा था कि हमारा अच्‍छा टेस्‍ट और इंटरब्‍यू हुआ है, लेकिन किसी का सेलेक्‍शन नहीं हुआ. उन्‍होंने कहा कि राज्‍यपाल ने भी इसका जिक क्ररते हुए कहा था बैंक में जो लोग अप्‍वाइंट हुए हैं, उन्‍होंने न टेस्‍ट दिया है और न ही उनके इंटरब्‍यू हुए हैं. हम अब यह सब देखकर परेशान हो चुके हैं.

 

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