अपने सरगना बगदादी की मौत का ISIS पर क्या होगा असर?

मॉस्को। शुक्रवार को रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस्लामिक स्टेट (ISIS) के सरगना अबू बकर अल-बगदादी के एक हवाई बमबारी में मारे जाने का दावा किया। हालांकि बगदादी की मौत हुई या नहीं, इसे लेकर कोई पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। लेकिन अगर बगदादी की मौत को लेकर रूसी सेना का अनुमान सही है, तो यह ISIS पर बड़ी चोट मानी जाएगी। जानकारों का यह भी कहना है कि पिछले 2 साल के दौरान ISIS ने खुद को और अपनी रणनीति को काफी बदला है। ऐसे में बगदादी की मौत का संगठन पर कोई खास असर पड़ेगा, इसकी उम्मीद कम ही दिखती है। जानकारों का मानना है कि बगदादी की मौत के बाद यूरोप और रूस को बेहद सावधान रहना होगा। ऐसा इसलिए कि बगदादी की मौत का बदला लेने के लिए उसके समर्थक व ISIS पहले से ज्यादा सक्रिय हो सकते हैं और जवाबी हिंसा में पहले से ज्यादा आतंकी हमले होने की संभावना बढ़ जाती है।

2 सालों में बहुत बदल गया ISIS, बगदादी की मौत से नहीं होगा नुकसान
रूस के एक अखबार ‘रशिया टाइम्स’ ने इस संबंध में कई जानकारों से बात की। ब्रिटेन के जाने-माने पत्रकार मार्टिन जे ने बताया कि पिछले 2 साल में ISIS ने खुद को काफी बदला है। इन बदली हुई परिस्थितियों में बगदादी की मौत का उसपर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। राजनैतिक मामलों के जानकार मारवा ओस्मान के मुताबिक, बगदादी की मौत से ISIS को कोई गंभीर नुकसान नहीं होने वाला है। मालूम हो कि रूस के रक्षामंत्री ने 28 मई को सीरिया के रक्का शहर और इसके आसपास किए गए हवाई हमले के बाद की तस्वीरें भी जारी की हैं। बताया जा रहा है कि इन्हीं हमलों में बगदादी भी मारा गया। अनुमान के मुताबिक, इन हवाई हमलों में बगदादी समेत ISIS के करीब 30 टॉप कमांडर्स भी मारे गए। साथ ही, सैकड़ों की संख्या में ISIS आतंकियों के भी इन हमलों में मारे जाने की खबर है। खबरों के मुताबिक, रूसी सेना ने जिस जगह पर बमबारी की, वहां ISIS के वरिष्ठ कमांडर्स की एक बैठक चल रही थी। यह जगह ISIS की स्वघोषित ‘सैन्य परिषद’ थी।

सीरिया के एक एयरबेस पर रूसी विमानों में बम लोड करने की तैयारी…
 बगदादी की मौत के बाद और ज्यादा होंगे आतंकी हमले!

मार्टिन जे ने RT को बताया कि ISIS को पूरी तरह खत्म करना बहुत मुश्किल है। मार्टिन के मुताबिक, ISIS को पूरी तरह कभी भी खत्म नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सीरिया की परिस्थितियां बाहर से जितनी उलझी हुई लगती हैं, असल में उससे कहीं ज्यादा खराब हैं। उन्होंने कहा कि बगदादी के मारे जाने की खबर को लोग किस तरह से लेते हैं, इसमें सावधानी बरते जाने की जरूरत है। मार्टिन का कहना है कि अगर बगदादी सच में मारा गया है, तब भी पश्चिमी देशों को बहुत खुश होने की जरूरत नहीं है। मार्टिन ने कहा, ‘हां, इतना जरूर होगा कि बगदादी को मारकर हम ISIS द्वारा घोषित खलीफा को खत्म कर देंगे। इसका कुछ असर तो होगा। लेकिन पिछले 2 सालों में ISIS ने अपने पांव काफी पसार लिए हैं। जो संगठन इराक के कुछ हिस्सों और पूरे सीरिया भर में फैला, उसका वहां पर लगभग पूरी तरह से सफाया हो चुका है। मोसुल में भी ISIS तकरीबन पूरी तरह हार चुका है।’

इराक-सीरिया से बाहर तेजी से पैर फैलाता जा रहा है ISIS
मार्टिन ने आगे बताया, ‘ISIS बहुत सघन तरीके से लगातार अपने पांव फैलाता जा रहा है। पिछले 2 सालों में यह आतंकवादी संगठन अंतरराष्ट्रीय रूप ले चुका है। अफ्रीका के पश्चिमी तट पर बसे देशों से अब यह केंद्रीय एशिया तक पहुंच गया है। हमें यह भी सोचना होगा कि जो देश ISIS के खिलाफ संघर्ष में शामिल हैं, उनपर बगदादी के मारे जाने का क्या असर होगा? हमें यह मानकर चलना होगा कि ISIS जवाबी हिंसा करेगा।’ मार्टिन ने यह भी कहा कि शायद ISIS को पूरी तरह से कभी खत्म नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान में जारी युद्ध में जब अमेरिका की स्थिति मजबूत थी, तब भी वे बस आतंकवादी संगठनों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर कर पा रहे थे। वैसा ही शायद अब मध्यपूर्वी एशिया में होगा। शायद कुछ हफ्तों में इराक से ISIS का सफाया हो जाएगा, लेकिन सीरिया बेहद उलझी हुई जगह है। वहां से ISIS को खत्म करना पाना बहुत मुश्किल है। सबसे बड़ी बात है कि उनकी कट्टरपंथी आतंकवादी विचारधारा लोगों के बीच फैल रही है। दुनिया भर के कई आतंकवादी उनके साथ जुड़ गए हैं। लंदन में हुए हालिया हमलों में भी तो हमें यही देखने को मिला।’

सीरिया के अलेप्पो की एक गली में बारूदी सुरंग खोजते रूसी सैनिक…
 इराक-सीरिया में IS भले हारे, लेकिन बढ़ रहा है आतंकवाद-हमले

मारवा ओस्मान का भी मानना है कि बगदादी की मौत से ISIS पर खास असर नहीं पड़ेगा, बल्कि शायद वह पहले से भी ज्यादा मजबूत हो जाएगा। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि बगदादी की मौत के बाद यूरोप और रूस को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। ऐसा इसलिए कि बगदादी की मौत का बदला लेने के लिए उसके समर्थक जवाबी हिंसा बढ़ा सकते हैं। जानकारों ने इस स्थिति की तुलना अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन से की। जिस तरह ओसामा की मौत के बाद भी अल-कायदा ने और विस्तार किया, वही स्थिति ISIS के साथ होने का भी अनुमान जताया जा रहा है। ऐसे अनुमानों की एक बड़ी वजह यह भी है कि इराक व सीरिया में भले ही ISIS के खिलाफ चल रहे सैन्य अभियान को दिनोदिन और ज्यादा कामयाबी मिलती जा रही है, लेकिन इसके बावजूद आतंकी हमलों की संख्या पहले से कहीं ज्यादा बढ़ रही है।

 

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