अपने ही बुने गए जाल में फंसे पावर कारपोरेशन के CMD, नोटबंदी में कालेधन को सफ़ेद करने में अहम् भूमिका रही मिश्रा की 

लखनऊ। पिछली सरकार के चहेते अफसर बनने के चक्कर में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के मुख्य प्रबन्ध निदेशक एपी मिश्रा को बीजेपी सरकार बनते ही अपनी कुर्सी बचाना तो दूर नौकरी छोड़कर भागना पड़ा. बताया जाता है कि सीएम अखिलेश यादव के चहेते अफसर बनने के चक्कर में मिश्रा ने एक बहुत बड़ा कदम ये उठा दिया था कि उन्होंने योगी आदित्य नाथ के गोरखपुर मठ में बिजली चोरी पकड़ने के चक्कर में छापा डलवाया था. इस छापे में जब उन्हें मठ में किसी भी तरह का कोई गड़बड़ झाला नहीं मिला तो उन्होंने मठ का लोड अधिक दिखा डाला. कारपोरेशन की महत्वपूर्ण कुर्सी पर मलाई चाटने वाले अफसर एपी मिश्रा के ऐसे तमाम कारनामे अब सामने आ रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के बहुमत में आते ही जैसे ही सीएम पद के लिए गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम सामने आया. मिश्रा की हालत बिगड़ गयी और उन्होंने तत्काल नौकरी छोड़कर भागने का मन बनाया. बताया जाता है कि सपा सरकार के कार्यकाल में दोनों हाथों से मलाई चाट रहे कारपोरेशन के सीएमडी मिश्रा ने अपनी तैनाती के दौरान जमकर बिजली बोर्ड को चुना लगाया है. बताया जाता है कि 4 का 2 करने में माहिर सीएमडी मिश्रा ने बिजली के बिल भुगतान से लेकर कई मामलों में दोनों हाथ हमेशा भरने की सोची. इसलिए योगी के सीएम बनते ही वह अपनी नौकरी छोड़कर भाग खड़े हुए.

सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी की नोटबंदी के दौरान कमीशन ले-लेकर कालेधन को सफ़ेद करने में भी कारपोरेशन के पूर्व सीएमडी मिश्रा का अहम् रोल रहा है. बताया जाता है कि कई बड़े अफसरों ने भी उनके जरिये अपने कालेधन को सफ़ेद किया. जिसके चलते सालों से बकाया बिजली के बिल का भुगतान नोट जमा करने की अंतिम अवधि वाले महीने में जमकर हुआ. यही नहीं पूर्व सीएमडी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने चहेते अफसरों की पोस्टिंग से लेकर कार्य आवंटित करने तक का माल लिया. और जब पैसे दोनों हाथ से वह बटोर रहे थे, तभी योगी आदित्यनाथ सपा सरकार के खिलाफ अपनी बयानबाजी तेज करते नजर आये. ऐसे में उनके बयानों पर लगाम कसने के लिए जब पूर्व सीएम अखिलेश ने उनको यह जिम्मेदारी सौंपी तो वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए आनन – फानन में उनके प्लान को अमलीजामा पहनाने में जुट गए,लेकिन उन्होंने सपने में भी ये नहीं सोचा था की जिस योगी के मठ पर वह बिजली चोरी पकड़ने के लिए छापा डलवा रहे हैं, वही सीएम बन जायेगा.

सूत्रों के मुताबिक इसीलिए जैसे ही योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बनाये गए, एपी मिश्रा BRS लेकर भाग खड़े हुए. कारपोरेशन के जानकार लोग बताते हैं की जब उन्होंने मठ पर छापा डालने के लिए गोरखपुर के मुख्य अभियंता को निर्देश दिए थे, तो उन्होंने साफ छापा डालने से मना कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने सीएमडी को ये भी बताया था कि योगीजी के मठ में बिजली चोरी नहीं की जाती है. बावजूद इसके मिश्रा नहीं माने और उन्होंने उनको ये निर्देश दे डाले. सरकारी औपचारिकता थी और ना ही कोई बिजली चोरी की जा रही थी. इसलिए मठ में जाँच के दौरान बिना कोई विरोध के बिजली विभाग के दस्ते को जाँच योगी ने करने दी. बताया जाता है कि जब कोई गड़बड़ी नहीं दिखी, तो अफसरों ने मठ में अधिक लोड होने की बात अपनी कार्यवाही में दर्शा दी. फिलहाल इसी के चलते सीएमडी की कुर्सी छोड़कर एपी मिश्रा इसलिए भाग खड़े हुए कि कहीं उन पर सीएम योगी की कार्यवाही की गाज ना गिर जाये.

 

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