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केंद्र का फैसला मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई: आप सरकार

kejriwal3तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने राज्य सरकार के फैसलों के खिलाफ जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई का निर्देश दिया है। केजरीवाल सरकार ने कहा है कि जो भी अधिकारी राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ जाते हुए केंद्र के निर्देशों का पालन करेंगे उसके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।
दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर स्वाति मालीवाल की नियुक्ति के ताजा विवाद के बाद से ही सीएम केजरीवाल और एलजी नजीब जंग के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले सप्ताह एक आदेश जारी कर दिल्ली के चीफ सेक्रटरी के.के.शर्मा को निर्देश दिया कि वह सीएम केजरीवाल द्वारा जारी आदेशों के खिलाफ न जाएं। मालूम हो कि केजरीवाल ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था कि कोई भी फैसला लेने से पहले संबंधित मामले की फाइल उनके और उनकी कैबिनेट के संबंधित मामलों के मंत्रियों के सामने पेश किया जाए। सिसोदिया ने चीफ सेक्रटरी शर्मा को इसी आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के हवाले से सूत्रों ने बताया कि सिसोदिया ने अपने निर्देश में यह ताकीद भी की कि सीएम और उनके मंत्रियों द्वारा लिए गए फैसलों का किसी भी कीमत पर उल्लंघन नहीं होना चाहिए। बताया जा रहा है कि आप सरकार 1983 बैच के आईएएस अधिकारी के.के.शर्मा से इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि उन्होंने केजरीवाल सरकार द्वारा होम सेक्रटरी पद के लिए चुने गए राजेंद्र कुमार को दरकिनार करते हुए एलजी की पसंद के धर्म पाल की फिर से नियुक्ति कर दी। जिस समय चीफ सेक्रटरी शर्मा ने उक्त फैसला लिया था उस समय भी एलजी और सीएम के बीच तनातनी जोरों पर थी। दोनों ही पक्ष अपनी नियुक्तियों पर अड़े हुए थे और एक समय ऐसी स्थिति बन गई थी कि दिल्ली में एक साथ 2 होम सेक्रटरी काम कर रहे थे। हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद रंजीत कुमार की नियुक्ति खारिज हो गई। सिसोदिया के निर्देश के बारे में पूछे जाने पर चीफ सेक्रटरी ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि जानकारों के मुताबिक केजरीवाल सरकार को इस तरह के निर्देश जारी करने का कोई हक नहीं है। इसकी एक वजह यह भी बताई जा रही है कि चीफ सेक्रटरी सीधे तौर पर गृह मंत्रालय के आदेशों का पालन कर रहे हैं। दिल्ली के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर गृह मंत्रालय कोई आदेश देता है तो चीफ सेक्रटरी को उसका पालन करना ही होगा।
एलजी ऑफिस और सीएम के बीच छिड़ी जंग ने होम सेक्रटरी की नियुक्ति के मामले से काफी तूल पकड़ लिया। इसके बाद से लगातार ही दोनों पक्ष दिल्ली में अपनी-अपनी पसंद के अधिकारी की नियुक्तियों के लिए आमने-सामने आते रहे हैं। सिसोदिया द्वारा जारी आदेश अपनी तरह का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 17 जून को केजरीवाल ने एक नोटिस जारी कर कहा था कि एलजी ऑफिस द्वारा चीफ सेक्रटरी को जारी किए गए किसी भी आदेश का पालन करने से पहले वह मामला दिल्ली सरकार के संबंधित मामले के मंत्री के सामने पेश किया जाए। हालांकि बाद में यह फैसला भी विवादों में घिर गया। एलजी ने केजरीवाल सरकार को उक्त नोटिस वापस लेने का निर्देश दिया। चीफ सेक्रटरी के पद पर नियुक्ति को लेकर भी एलजी और सीएम एक-दूसरे से भिड़ चुके हैं। केजरीवाल आईएएस अधिकारी आर.एस.नेगी को नियुक्त करना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके फैसले को खारिज कर दिया। केंद्र की ही पहल पर एलजी ने के.के.शर्मा की उक्त पद पर नियुक्ति की थी। सूत्रों के मुताबिक, पहले भी केजरीवाल सरकार शर्मा पर उनके फैसलों के खिलाफ जाने का आरोप लगा चुकी है। केजरीवाल का आरोप है कि एलजी की आड़ में केंद्र दिल्ली सरकार के काम में अड़ंगा लगाने की कोशिश कर रहा है। सीएम का आरोप है कि एलजी केंद्र के निर्देश पर उनकी सरकार को काम नहीं करने दे रहे हैं।

 

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