अब गरीब मरीजों का मुफ्त में होगा इलाज और मुफ्त में ही अस्पताल से घर पहुंचाएगी सरकार

नई दिल्ली। आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के साथ-साथ मरीजों को अस्पताल से घर छोड़ने का भी पुख्ता प्रबंध किया जाएगा। यही नहीं, इसमें मरीज के अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के इलाज के सारे खर्च भी सरकार ही उठाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि किसी गरीब को पुरानी बीमारी का हवाला देकर मुफ्त इलाज से वंचित नहीं किया जा सकेगा।

-अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च भी उठाएगी सरकार

स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार 10 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आगे रही स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को साफ कर दिया गया है कि कम-से-कम अस्पताल से छुट्टी के बाद गरीब मरीज को उसके घर तक छोड़ने का पुख्ता इंतजाम भी उन्हें ही करना होगा। वैसे सरकार गरीब मरीज को घर से अस्पताल तक लाने का खर्च भी वहन करने पर जोर दे रही है, लेकिन बीमा कंपनियां फिलहाल इसमें कई तरह की दिक्कतों का हवाला दे रही हैं। लेकिन इतना तय है कि मुफ्त इलाज के बाद मुफ्त घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करने के लिए वे तैयार हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गरीबों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने की योजना में शामिल स्वास्थ्य बीमा कंपनियां अपनी ओर से कोई शर्त नहीं थोपेंगी। फिलहाल स्वास्थ्य बीमा कंपनियां मरीज का बीमा कराने से पहले की बीमारी होने के कारण भुगतान करने से इनकार कर देती हैं। लेकिन गरीबों के मुफ्त इलाज के मामले में ऐसा नहीं होगा। पुरानी से पुरानी और गंभीर से गंभीर बीमारी के इलाज पर आने वाले पांच लाख रुपये तक खर्च बीमा कंपनियों को उठाना होगा और इसका प्रीमियम सरकार उन कंपनियों को देगी।

गौरतलब है कि बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों यानी लगभग 50 करोड़ लोगों को सालाना पांच लाख रुपये तक का सालाना मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने की योजना की घोषणा की थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग इस योजना को धरती पर उतारने की कोशिश में जुटा है। इसके लिए 1300 बीमारियों और उनके इलाज का पैकेज तैयार किया जा चुका है और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के साथ बातचीत अंतिम दौर में है।

पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद प्रगति के तहत इसकी तैयारियों की समीक्षा की थी और उस पर संतोष जताया था। सरकार की कोशिश इस योजना को इसी साल 15 अगस्त या दो अक्टूबर को लांच करने की है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का कहना है कि इस योजना को पूरी तरह फूलप्रूफ बनाया जा रहा है, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहे।

 

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