अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी जरूरी होगा आधार!

नई दिल्ली। एक ही नाम से कई ड्राइविंग लाइसेंस बनाने पर लगाम के लिए केंद्र राज्यों से आधार कार्ड से पहचान अनिवार्य करने को कहेगा। नए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या पुराने के रिन्यूअल कराने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि एक ही शख्स को एक से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस जारी न होने पाए। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों ने ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए जाने पर दूसरा ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया। कुछ मामलों में फर्जी पहचान पत्र के लिए भी गलत तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए गए। सूत्र ने बताया कि आधार नंबर के बॉयोमेट्रिक्स डीटेल से इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगेगी और नया नियम अक्टूबर से लागू हो सकता है।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार कार्ड जरूरी करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना राज्य का विषय है, लिहाजा केंद्र सरकार राज्यों से इस ‘सेफ सिस्टम’ को अपनाने का अनुरोध करेगा जो अलग-अलग राज्यों से एक ही नाम से कई ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रथा को करीब-करीब खत्म कर देगा। फिलहाल एक से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना बहुत ज्यादा कठिन नहीं है, यहां तक कि पुलिस द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस को जब्त करना भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर लगाम नहीं लगा पाता।

एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया, ‘किसी आवेदक की पहचान को स्थापित करने के लिए अकेले आधार कार्ड ही पर्याप्त दस्तावेज होगा। अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसे कई दूसरे दस्तावेज जमा करने होंगे। हम जरूरी बदलाव कर रहे हैं और आरटीओ को इन डीटेल्स का रेकॉर्ड रखने के लिए सक्षम बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।’ सूत्र ने आगे बताया, ‘सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) के पास ड्राइविंग लाइसेंसों के सेंट्रल डेटाबेस (जिसे सारथी के नाम से जाना जाता है) पहुंच होगी ताकि वे जांच सके कि आवेदक के नाम से देश में कहीं से भी कोई ड्राइविंग लाइसेंस जारी तो नहीं हुआ है।’
अभी हाल तक RTO मैन्युअल सिस्टम पर काम कर रहे थे और सभी RTO के रियल टाइम डेटा तक पहुंच नहीं होने की वजह से वे यह नहीं जांच पाते थे कि आवेदक के पास पहले से कोई ड्राइविंग लाइसेंस है या नहीं। हालांकि अब नैशनल इन्फॉर्मैटिक्स सेंटर ने ज्यादातर डेटा को RTO के रेकॉर्ड के लिए अपलोड कर दिया है। दरअसल नैशनल इन्फॉर्मैटिक्स सेंटर ही वाहनों और लाइसेंसशुदा ड्राइवरों के डेटाबेस के संचालन के लिए जिम्मेदार है। सूत्र ने बताया, ‘हम सारे डेटा को डिजिटल फॉर्मैट में तब्दील करने का काम शुरू कर चुके हैं। अपडेटेड डीटेल्स तक अबाध पहुंच से विशाल सूचनाएं उपलब्ध होंगी। इससे फर्जी या डुप्लिकेट लाइसेंस बनवाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।

 

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