अब बीजेपी के ‘भ्रष्ट’ नेताओं की लिस्ट तैयार करवा रहे मोदी, इन पर भी होगी कार्रवाई

pm-modi-bjpनई दिल्ली। कालेधन के खिलाफ मोर्चा खोलकर सियासत में नई लकीर खींचने वाले प्रधानमंत्री मोदी अब अपनी पार्टी के कुछ कथित ‘भ्रष्ट’ नेताओं की भी लिस्ट तैयार करवा रहे हैं. 31   दिसम्बर के बाद इन नेताओं पर भी इनकम टैक्स और ईडी  की छापेमारी हो सकती है. मोदी ने साफ़ किया है कि भ्रष्टाचार के मामले अब वो किसी को बख्शने वाले नही है और उनकी नीति इस दिशा में जीरो टॉलरेंस की होगी. इस अभियान में माध्यम और निम्न मध्यमवर्ग जनता के मिल रहे भरपूर साथ से मोदी का हौसला बड़ा हुआ दिख रहा है. मोदी के इस पैतरे से कई पैसे वाले मंत्री और संसद भी बैचैन है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक मोदी की एक सीक्रेट टीम ऐसे नेताओं की लिस्ट बना रही है जिनके पास  बिना किसी घोषित उपक्रम के आय से अधिक संपत्ति है. यानी वो नेता जिनका ज्यादा काम धंधा नही है लेकिन कमाई और रहन सहन रहीसों जैसा है. मोदी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को एक बैठक में साफ़ कहा है कि वो कालेधन पर खुलकर प्रहार करें और इस मामले में अपने गिरेबान में भी झांककर देखें. इस बैठक के बाद ही मोदी ने सांसदों की मीटिंग में निर्देश दिए की 8 नवम्बर से 31 दिसम्बर के बीच पार्टी के सभी विधायक और सांसद बैंक में जमा की गयी राशि का लिखित ब्यौरा बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के कार्यालय को दें. इस सम्बन्ध में अगर किसी ने कोताही की तो पार्टी कार्रवाई करेगी.

मोदी के एक करीबी नेता ने इंडिया संवाद को बताया की जो लिस्ट तैयार की जा रही  है उसमे यूपी से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक के नेताओं के नाम हैं. इनमे बीजेपी के एक प्रवक्ता भी है जो कुछ नही करते लेकिन 3-3 लाख रूपए की महंगी कलाई घडी पहनते हैं. महारष्ट्र के एक विधायक के पास तो इतनी संपत्ति है कि उनकी जांच पहले भी आयकर अधिकारी कर चुके हैं. राज्य सरकार और केंद्रीय सरकार के मंत्रियों के साथ चिपके उनके नातेदार और छुटभैया टाइप नेताओं की भी लिस्ट बनाई गयी है. इसके अलावा जो नेताओं के भ्रष्टाचार के मामले अदालत या सरकारी फाइलों पर हैं या उनके खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत दी गयी है उसकी पड़ताल भी अलग से कराई जा रही है.

मोदी ने अपनी कैबिनेट के अलावा अमित शाह को भी निर्देश दिए हैं कि पार्टी के भीतर मौजूद ऐसे पदाधिकारी पर भी नज़र रखें जो दलाली या गलत काम गुपचुप तरीकों से करते चले आ रहे हैं. मोदी नही चाहते कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़कर जो पार्टी की छवि में सुधार हुआ है वो छवि कुछ लालची और भ्रष्ट नेताओं के निकम्मेपन  से चौपट हो जाए.

 

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