अमेरिकी कंपनी ने NHAI के अधिकारियों को दी करोड़ों की घूस, गडकरी ने दिए जांच के आदेश

नई दिल्ली। बोस्टन की एक कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग कंपनी ने अमेरिकी न्याय विभाग के सामने स्वीकारा है कि उसके अधिकारियों ने 2011 से 2015 के बीच ठेका हासिल करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को कथित रूप से 6.7 करोड़ रूपये की रिश्वत दी। केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एनएचएआई के चेयरमैन से मामले की जांच कराने के आदेश दिया है।

इससे पहले अमेरिकी न्याय विभाग के क्रिमिनल डिवीजन ने 21 जून को लिखे पत्र में कहा कि सीडीएम स्मिथ ने भारत में अपने पूर्ण स्वामित्व वाली  सहायक कंपनी (सीडीएम इंडिया) के कर्मचारियों और एजेंट्स के जरिये करीब 10 लाख डॉलर की रिश्वत सरकारी अधिकारियों को दी। यह रिश्वत हाईवे निर्माण की निगरानी व डिजाइन और जल परियोजना के ठेके के बदले दी गई।

इन ठेके में कंपनी को करीब 40 लाख डॉलर का शुद्ध लाभ हुआ। पत्र में अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि साल 2011 से 2015 के बीच सीडीएम स्मिथ का डिवीजन के कर्मचारी भारत में कारोबार के लिए जिम्मेदार है और उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को ठेके हासिल करने की एवज में रिश्वत दी।

इसमें कहा गया कि रिश्वत आमतौर पर ठेके के मूल्य का तीन से चार फीसदी था और यह फर्जी उप ठेकेदारों के माध्यम से दिया गया। इन ठेकेदारों ने वास्तव में कोई काम नहीं किया। न्याय विभाग ने कहा है कि सीडीएम इंडिया के अधिकारियों ने गोवा में जल परियोजना ठेका के संबंध में 25 हजार डॉलर की रिश्वत दी।

इस बारे में कंपनी के सीईओ स्टीफन जे. हिकॉक्स ने कहा कंपनी की आचार संहिता और मूलभूत सिद्धांत स्पष्ट हैं। इन मूल्यों का उल्लंघन या अनुचित व्यापार गतिविधियां हमारी संस्कृति के विपरीत हैं। स्टीफन ने कहा कि इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अमेरिका में न्याय विभाग ने बोस्टन की कंपनी के खिलाफ जांच बंद कर दी है। विभाग ने यह फैसला कंपनी की तरफ से रिश्वत के जरिये कमाए गए लाभ की राशि 40 लाख डॉलर लौटाने पर सहमत होने के बाद किया है। इस रकम की चौथी और अंतिम किश्त का भुगतान कंपनी 1 अक्तूबर 2017 तक कर देगी।

 

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