अयोध्या मामला: ‘बाबर ने नहीं औरंगजेब ने तोड़ा था राम मंदिर, तीन गुंबद वाली इमारत मस्जिद नहीं’

नई दिल्ली। अयोध्या मामले में बुधवार (अगस्त 28, 2019) को सुप्रीम कोर्ट में 14वें दिन की सुनवाई पूरी हुई। रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने दलीलें रखते हुए कहा कि विवादित ढाँचा बाबर ने बनवाई, इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं है। इसके लिए उन्होंने बाबरनामा, आईने अकबरी, हुमायूँनामा, तुजुक ए जहाँगीरी जैसी ऐतिहासिक पुस्तकों का हवाला दिया। साथ ही उन्होंने कहा की मंदिर औरंगजेब ने तोड़ा था।

रिपोर्ट्स के अनुसार, रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने अपनी दलीलें रखते हुए कहा कि तीन गुंबद वाली इमारत मस्जिद नहीं थी। मस्जिद में जिस तरह की चीज़ें ज़रूरी होती हैं, वो उसमें नहीं थी। समिति ने कहा कि विवादित इमारत बनवाने वाला कौन था, इस पर संदेह है। मीर बाकी नाम का बाबर का कोई सेनापति था ही नहीं।

राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने सुनवाई की शुरुआत में बाबरनामा के कुछ अंश पढ़े और कहा कि कोई भी ऐतिहासिक दस्तावेज ऐसा नहीं है जो यह बताता हो कि विवादित स्ट्रक्चर (बाबरी मस्जिद) 520 ईस्वी में बना हो। बाबरनामा में मीर बाकी के बारे में ज़िक्र नहीं है। बाकी तश्किन्दी 1529 में अवध (अयोध्या) से बाबर से मिलने गया था। उन्होंने कहा कि बाबर सिर्फ इस बात से वाकिफ़ था कि ज़मीन वक़्फ़ की है।

पीएन मिश्रा ने कहा कि निकोलो मनूची ने एक किताब लिखी थी जो इटालियन था और औरंगज़ेब का कमांडर था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि औरंगज़ेब का इटालियन कमांडर था? पीएन मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा कि- हाँ, औरंगज़ेब का कमांडर इटालियन था।

वकील पीएन मिश्रा ने कहा कि मंदिर बाबर ने नहीं, औरंगजेब ने तोड़ा था। इस पर जस्टिस एसए बोबडे ने पूछा- “आपसे इसका क्या लेना-देना है? जन्मस्थान पर आपका हक कैसे है, यह स्पष्ट करें।” इस पर मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा- “मेरा दावा है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी। अगर अदालत इस दावे को स्वीकार करता है तो सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा पूरी तरह से गलत साबित होता है।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसने कहा कि ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जो सिद्ध करते हैं कि बाबर ने मस्जिद का निर्माण नहीं किया?

इसके उत्तर में राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने कहा कि इस्लामिक शासन में तीन तरह के शासन होते हैं- दारुल इस्लाम, दारुल हरब और दारुल अमन। मिश्रा ने बताया कि दारुल इस्लाम में मुस्लिम शासक दूसरे मुस्लिम शासक से जंग करके उसकी सम्पत्ति को जीत सकता है, लेकिन उसका स्टेट्स नहीं बदलता है।

उन्होंने कहा कि आगरा, दिल्ली और अवध में इब्राहिम लोधी का शासन था। बाबर ने अयोध्या में गवर्नर के ज़रिए राज किया। भारत को दारुल हरब कहा जाता है। इसमें दूसरे शासक से कहा जाता था कि या तो वह इस्लाम कबूल कर ले या दूसरे धर्म के लोगों पर जज़िया लागू किया जाता था। दारुल अमन में दूसरे धर्म के लोगों से जंग नहीं की जाती और उनको उनके धर्म का पालन करने किया जाता था।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button