अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में गोलबंदी, जानिए कौन सी पार्टी किस पाले में

नई दिल्ली। मोदी सरकार को अपने सवा चार साल के कार्यकाल में पहली बार अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ रहा है. टीडीपी द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा और वोटिंग होगी. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों अपने खेमे को मजबूत करने में जुट गए हैं. पीएम मोदी जहां अपने सहयोगी दलों को साधने में जुटे हैं. वहीं, टीडीपी सहित कांग्रेस विपक्षी दलों को अपने साथ एकजुट करने में लगी है.

मोदी सरकार के साथ कौन

545 सदस्यों वाली लोकसभा में मौजूदा समय में 532 सांसद हैं. यानी बीजेपी को बहुमत हासिल करने के लिए महज 267 सांसद चाहिए. लोकसभा अध्यक्ष को हटाकर बीजेपी के पास अभी 273 सदस्य हैं. इसके बावजूद मोदी सरकार किसी तरह का जोखिम उठाने के मूड में नहीं है. इसीलिए सहयोगी दलों के साथ भी बीजेपी बातचीत कर उन्हें साधने में जुटी है.

मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी अकाली दल ने सरकार को समर्थन करने का ऐलान किया है. मौजूदा समय में अकाली दल के 4 सांसद हैं.

शिवसेना ने भी सरकार का साथ देने की बात कही है. पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार को कहा था कि हमारी कोई मजबूरी नहीं है इसलिए हम सरकार के साथ रहेंगे. शिवसेना से पास मौजूदा समय में 18 सांसद हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बात की. इसके बाद शिवसेना ने अपने सांसदों को लोकसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है.

मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने भी सरकार के पक्ष में वोटिंग करने को कहा है. एलजेपी के 6 सांसद हैं.

इन दलों के अलावा मोदी सरकार को अपने अन्य सहयोगी दलों पर भी भरोसा है. इनमें आरएलएसपी के 3, जेडीयू के 2, अपना दल के 2 और अन्य सहयोगियों के 6 सदस्य हैं.

अविश्वास प्रस्ताव को एआईएडीएमके ने समर्थन न करने की बात कही है. एआईएडीएमके तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. मौजूदा समय में 37 सांसद हैं. एआईएडीएमके का कदम बीजेपी के पक्ष में जाएगा.

मोदी के खिलाफ ये दल

विपक्षी दलों की बात करें तो मौजूदा समय में लोकसभा में सबसे ज्‍यादा 48 सीटें कांग्रेस के पास हैं. कांग्रेस पूरी तरह से सरकार के खिलाफ खड़ी है. इसके अलावा अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली टीडीपी के पास 16 सांसद हैं.

टीडीपी सांसद ने आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर जाकर समर्थन मांगा. इसके बाद आप ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का ऐलान किया है. आप के 4 सांसद हैं.

सीपीएम के पास 9 सांसद हैं. माना जा रहा है कि पार्टी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में है. इसी तरह सपा की तरफ से खुलकर कोई बात नहीं कही गई लेकिन जिस तरह से पार्टी का रुख रहा है. इससे साफ है कि सपा सरकार के खिलाफ वोट करेगी. सपा के 7 सांसद हैं.

इन पर होगी नजर

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर टीआरएस ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. पार्टी शाम तक निर्णय लेकर बताएगी. मौजूदा समय में टीआरएस के 11 सांसद हैं.

टीआरएस की तरह बीजेडी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. बीजेडी के पास 20 सांसद हैं और पार्टी ने अपने सांसदों को संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है.

इन दलों ने नहीं खोले पत्ते

मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर टीएमसी ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि माना जा रहा है कि वह सरकार के खिलाफ ही रहेगी. टीएमसी के 34 सांसद हैं. इस तरह से एनसीपी ने अभी तक कोई फैसला सामने नहीं आया है. एनसीपी के 7 सदस्य हैं. एयूडीएफ के 3 सांसद हैं और पार्टी ने अभी फैसला नहीं लिया है.

आरजेडी ने अविश्वास प्रस्ताव पर पार्टी नेताओं से निर्णय करने के बाद फैसला करने की बात कही है. पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ये निश्चित है कि मोदी सरकार 2019 में वापस नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि मोदी को याद रखना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी एक बार गिर चुकी है. आरजेडी के 4 सांसद हैं.

 

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