आखिर पीएम मोदी आजमगढ़ से ही क्यों फूंक रहे हैं चुनावी बिगुल, क्या बीजेपी 2019 में सपा का किला भेद पाएगी?

लखनऊ। मिशन 2019 यानी लोकसभा चुनाव 2019 की अहमियत भले ही सभी पार्टियां समझती हों, मगर भारतीय जनता पार्टी ने तो अभी से तैयारियां भी शुरू कर दी है. मोदी सरकार और बीजेपी के कार्यक्रमों से ऐसा लगने लगा है कि पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है और 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह, इस बार भी कमान पीएम मोदी ने संभाल ली है. पीएम मोदी की नजर अब उन इलाकों पर टिकी है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में ‘मोदी लहर’ के बाद भी बीजेपी जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. यही वजह है कि पीएम मोदी आज पूर्वांचल में सपा और बसपा खिलाफ हुंकार भरेंगे और परोक्ष रूप से मिशन 2019 (लोकसभा चुनाव 2019) के लिए चुनावी बिगुल फूकेंगे. दरअसल, पीएम मोदी आज से दो दिन के पूर्वांचल दौरे पर हैं. यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि यहां मुलायम सिंह के गढ़ यानी सपा के गढ़ में जाकर पीएम मोदी चुनौती देंगे और सपा के किले को तोड़ने के लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर देंगे. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पीएम मोदी  ने एक बार कहा था, चार साल काम, पांचवे साल राजनीति’.

आज उत्तर प्रदेश में मुलायमस सिंह के गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ में आज पीएम मोदी हुंकार भरेंगे और सपा को उसी के घर में चुनौती देंगे. पीएम मोदी आज पूर्वी उत्तर प्रदेश आज से दो दिन के दौरे पर जा रहे हैं, जहां वह कई सारे प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे और रैली को संबोधित कर सपा को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे. पीएम मोदी वाराणसी, आजमगढ़ और मिर्जापुर का दौरा करेंगे. पीएम मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिस की सुरक्षा टीम मौजूद है. पीएम मोदी आजमगढ़ से अपनी इस चुनावी रैली की शुरुआत कर रहे हैं, उसकी वजह स्पष्ट है कि यह सपा का गढ़ कहलाता है.

पीएम मोदी का आजमगढ़ का दौरा भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी अहम है. पिछले चुनावों के परिणामों पर गौर करें तो बीजेपी की जीत पर आजमगढ़ की हार किसी स्याह धब्बे की तरह है. इसकी वजह है कि बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में धुआंधार जीत दर्ज की, मगर मुलायम सिंह के गढ़ को भेद पाने में नाकाम रही. 2014 (लोकसभा चुनाव ) में उत्तर प्रदेश में कुल 80 सीटों में से 71 सीटें बीजेपी ने जीतीं थी, जबकि 2 सीटें कांग्रेस, 2 अपना दल और 5 सीटें सपा के खाते में गईं थी. यानी कुल 80 सीटों में से 73 सीटों पर एनडीए का कब्जा रहा, मगर बीजेपी के लिए सबसे बुरी बात रही कि वह सपा के गढ़ आजमगढ़ को नहीं भेद पाई. आजमगढ़ में मुलायम सिंह ने अपने किले को बचाए रखा और बीजेपी को यहां हार की मुंह देखनी पड़ी.

हालांकि, 2017 में विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की स्थिति कमोबेश 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह ही रही. 2017 में भी बीजेपी ने राज्य में जबरदस्त जीत दर्ज की और सरकार बनाने में सफल रही, मगर एक बार फिर से सपा के आजमगढ़ के किले को भेद नहीं पाई. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल करते हुए कुल 403 विधानसभा सीटों में से 312 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था, और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी थी. इस चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर भी बढ़ा मगर तब भी आजमगढ़ में बीजेपी की शानदार जीत नहीं हुई. आजमगढ़ की दस विधानसभा सीटों पर बीजेपी को महज एक सीट पर ही जीत मिली. अखिलेश और मायावती के साथ ने बीजेपी को यहां बाजी मारने से रोक दिया. अब पीएम मोदी की नजर यूपी के इसी किले को ध्वस्त करने की है, जहां सपा काफी समय से काबिज है.

बीजेपी सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता  पार्टी का 2019 लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ को जीतने पर फोकस है. भारतीय जनता पार्टी के लिए आजमगढ़ की सीट अब प्रतिष्ठा की लड़ाई होने वाली है. क्योंकि आजमगढ़ सपा नेता मुलायम सिंह यादव का संसदीय क्षेत्र है. यही वजह है कि बीजेपी आजमगढ़ में सपा के तिलिस्म को तोडऩे की पूरी कोशिश करेगी. वहीं सपा भी उसे बचाने के लिए जमीन-आसमान एक कर देगी. हालांकि, आज पीएम मोदी का कार्यक्रम पूरी तरह से चुनावी सभा नहीं है. सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, पीएम मोदी आज आजमगढ़ में 340 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस का शिलान्यास करेंगे. यह सड़क पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई शहरों मसलन, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को लखनऊ से जोड़ेगा.

 

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