आतंक के खिलाफ लड़ाई में ‘खोजी ड्रोन’ करेगा भारत की मदद

drone8आईवॉच प्रतिनिधि

नई दिल्ली। इस्राइल की स्नाइपर्स, असॉल्ट राइफल्स और यूरोप के अंडरवॉटर ओपन-सर्किट डाइविंग उपकरणों के साथ भारत की स्पेशल आर्म्ड फोर्स धीरे-धीरे गुप्त ऑपरेशंस और काउंटर टेररेजम से लड़ने के लिए तैयार हो रही है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि अब 27 करोड़ रुपये में वायु सेना ने अपनी गरुड़ कमांडो फोर्स के लिए 65 स्पाई ड्रोन्स (मिनी) खरीदे हैं। इतना ही नहीं, नेवी भी अपने मरीन कमांडोज के लिए 2017 करोड़ की लागत से दो अत्याधुनिक सबमरीन बना रही है।

एक तरफ सरकार स्पेस, साइबर स्पेस और स्पेशल ऑपरेशंस पर ध्यान दे रही है तो सेना की स्पेशल फोर्स अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर गुप्त ऑपरेशंस के लिए तैयार हो रही है। गरुड़ और मार्कोस भी इसी कवायद का हिस्सा हैं।

करीब एक दशक पहले श्रीनगर के अवंतीपुरा और गुवाहाटी के एयरबेस पर आतंकी हमलों के बाद ही गरुड़ विमान आए थे। गरुड़ में न सिर्फ 60 कमांडो को जगह देने की क्षमता होती है, बल्कि उनमें दुश्मन के रेडार और एयरक्राफ्ट्स को मार गिराने की क्षमता भी होती है। अपने आस-पास पांच किलोमीटर की रेंज में सटीक काम करने वाले नए मैन-पोर्टेबल ड्रोन्स का इस्तेमाल एयरबेस के इर्द-गिर्द सर्विलांस, काउंटर टेररेजम और गुप्त ऑपरेशंस के लिए किया जाएगा।

30 मिनट की ऑपरेशनल क्षमता वाले इन नए हल्के ड्रोन्स फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रा-रेड तकनीक से भी लैस होगा। बता दें कि भारतीय सेना ने 1999 करगिल युद्ध के बाद से कई ड्रोन्स अपने बेड़े में शामिल किए हैं। इनमें ज्यादातर इस्राइली हैं।

लंबी दूरी के सर्विलांस और सटीक निशाने के लिए हेरॉन और सर्चर-2 का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, इस्राइल के ही किलर ड्रोन्स भी भारत के पास हैं, जो क्रूज मिसाइल की तरह काम करते हैं और किसी भी टार्गेट को उड़ा सकते हैं। इसके अलावा, भारत ने अपने जंगी बेड़े को कई अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर लिया और दिलचस्प बात यह है कि इस बेड़े को लगातार मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button