इंजीनियर से बाबा बना था रामपाल, आश्रम से मिली थी प्रेग्‍नेंसी किट और मसाज बेड

नई दिल्ली। सतलोक आश्रम बरवाला के संचालक रामपाल दास देशद्रोह के मामले में हिसार जेल में बंद हैं. मंगलवार को दो मामलों में उन पर कोर्ट का फैसला आने वाला है. 2014 में हिसार के बरवाला में हुए विवाद के बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया था. उस समय रामपाल के सतलोक आश्रम से प्रेग्‍नेंसी टेस्ट किट सहित हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ था. इतना ही नहीं पुलिस को आश्रम के बाथरूम में बेहोशी की हालत में एक महिला भी मिली थी. आश्रम के अंदर तहखाने से तीन रिवॉल्वर, चार राइफल, 26 एयर गन और 103 कारतूस बरामद किए गए.

रामदेवानंद से मुलाकात के बाद बन गए इंजीनियर से संत
कबीर पंथी स्वयंभू संत रामपाल दास का हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में जन्म हुआ था. पढ़ाई पूरी करने के बाद रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर भी हो गए. इसी बीच इनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई. रामपाल, रामदेवानंद के शिष्य बन गए और कबीर पंथी हो गए.

दयानंद सरस्वती की किताब पर की अभद्र टिप्पणी
18 साल नौकरी करने के बाद रामपाल ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे. इसके बाद उनके अनुयायी बढ़ते गए और 1999 में रामपाल ने सतलोक आश्रम की स्थापना की.  2006 में दयानंद सरस्वती की किताब पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद इनके समर्थकों की आर्य समाज के लोगों के साथ हिंसक झड़प हुई. इसमें 3 लोगों की जान भी गई और मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा.

पुलिस ने किया गिरफ्तार
हत्या, दंगा भड़काने जैसे कई संगीन मामलों में 5 नवंबर 2014 को पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने संत रामपाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया. 10 नंवबर को संत रामपाल को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन संत के समर्थकों ने रामपाल को अस्वस्थ बताकर गिरफ्तारी का आदेश मानने से ही इनकार कर दिया.  20 नवंबर को पुलिस ने भारी झड़प के बाद रामपाल को गिरफ्तार कर लिया था.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस था आश्रम
आश्रम के बीच में स्वचालित तरीके से ऊपर नीचे होने वाली एक एक कुर्सी मिली थी. एक स्वीमिंग पूल, आधुनिक स्वचालित सीढ़ियां और 24 एसी कमरे मिले, जिनमें एक कमरे में मसाज बेड भी मिला था. कई एकड़ में फैले आश्रम में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाती थी. इतना ही नहीं यहां 50 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाला हॉल भी था.

जिस दूध से वो नहाता था, उसी की बनती थी खीर
अंधविश्वास की हद तोड़कर लोगों ने रामपाल की भक्ति की. ढोंगी बाबा की अंध भक्ति का आलम यह था कि चमत्कार की उम्मीद में लोग वो खीर भी खाते थे, जो रामपाल के नहाए दूध से बनाई जाती थी। इस खीर को लोगों के प्रसाद के नाम पर खिलाया जाता था.

 

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