इन अधिकारियों ने फेल कराई थी दाऊद की वापसी

sushma-swaraj25तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि

मुंबई। भाजपा सांसद और पूर्व गृहसचिव आर के सिंह ने यह बयान देकर सनसनी फैला दी है कि भारत ने पाकिस्तान में छिपे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को वहां घुसकर मारने की तब प्लानिंग की थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। लेकिन मुंबई पुलिस के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया।

सिंह के इस बयान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि मुंबई पुलिस के वे भ्रष्ट पुलिस अधिकारी कौन हैं, जिन्होंने उस वक्त दाऊद की मदद की। एनबीटी ने मुंबई पुलिस के कई पुराने अधिकारियों से बात की। उन्होंने इस संबंध में दो नॉन आईपीएस अधिकारियों पर शक किया। इनमें से एक दाऊद के बहनोई और हसीना परकार के पति के बेहद नजदीक था, जबकि दूसरा दाऊद से सीधे जुड़ा हुआ था।

एक पुराने पुलिस अधिकारी ने बताया कि आर के सिंह जिस दौर की बात कर रहे हैं, उस वक्त दाऊद के बेहद करीबी इकबाल मिर्ची के खिलाफ मुंबई में कोई एफआईआर दर्ज होने वाली थी। दाऊद ने खुद मुंबई के इस पुलिस अधिकारी को फोन किया था और वह मामला रफा – दफा करवाया था। उस पुलिस अधिकारी का वर्तमान में क्या स्टेटस है, इस पुराने अधिकारी ने फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया।

एक रिटायर हो चुके अधिकारी ने कहा कि दाऊद को मारने की प्लानिंग तब शुरू की गई थी , जब इस बात की खबरें आईं कि यूपी में बीजेपी के एक टॉप नेता की हत्या की दाऊद ने सुपारी दी है। जिन शूटरों को इस नेता का मर्डर करने को कहा गया था, उन्हें कई दिनों तक नेपाल में दाऊद के करीबी सांसद मिर्जा दिलशाद बेग के यहां ठहराया गया था। बाद में छोटा राजन ने अपने शूटरों के जरिए मिर्जा दिलशाद बेग का कत्ल करवा दिया था।

बेग के मर्डर में जो शूटर शामिल थे, उनमें एक रोहित वर्मा भी था, जिसका सितंबर, 2000 में बैंकॉक में दाऊद , छोटा शकील और शरद शेट्टी के भेजे शूटरों ने कत्ल कर दिया था । रोहित वर्मा जिस शूटआउट में मारा गया था, वह शूटआउट दरअसल छोटा राजन के लिए करवाया गया था, पर राजन उस शूटआउट में घायल होने के बावजूद जिंदा बच गया था।

यह बात किसी से छिपी नहीं है कि दाऊद को मारने की पाकिस्तान में नौ बार कोशिशें हुईं । छोटा राजन ने जिन कुछ लोगों को इस ऑपरेशन में शामिल किया था, उनमें फरीद तनाशा और विक्की मल्होत्रा के नाम भी कई बार मीडिया में आ चुके हैं। पूर्व गृह सचिव व भाजपा सांसद आर के सिंह ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद इस बात का खुलासा किया है कि दाऊद को खत्म करने के लिए भारत सरकार ने छोटा राजन गैंग के कुछ लोगों को ऑपरेशन से जोड़ा था और उन्हें गुप्त ठिकाने पर ट्रेनिंग देना शुरू किया गया। सिंह के अनुसार, उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

श्री सिंह का दावा है कि दाऊद से जुड़े मुंबई पुलिस के कुछ अफसर ट्रेनिंग कैंप पर इन लोगों को गिरफ्तार करने पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस यह कहती पाई गई कि उसके पास प्रशिक्षित किए जा रहे लोगों के खिलाफ वारंट है। इन अफसरों के कारण ही सारा ऑपरेशन फेल हो गया। हालांकि सिंह ने अपने इंटरव्यू में फरीद तनाशा व विक्की मल्होत्रा के नाम का जिक्र नहीं किया है। संभव है कि दाऊद के खिलाफ ऑपरेशन में छोटा राजन से जुड़े कुछ और लोग शामिल हों।

फरीद तनाशा व विक्की मल्होत्रा को कुछ साल बाद महाराष्ट्र में किसी ट्रेनिंग कैम्प में नहीं, बल्कि दिल्ली में पकड़ा गया था, पर इन दोनों की गिरफ्तारी मुंबई क्राइम ब्रांच की जिस आईपीसी अधिकारी की लीडरशिप में हुई थी, उन्हें सिर्फ महाराष्ट्र के नहीं, देश के सबसे ईमानदार और नो- नॉनसेंस आईपीएस अधिकारियों में एक माना जाता है।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button