इलाहाबाद हाई कोर्ट की 150 वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में बोले योगी-कानून शासकों का भी शासक

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट की 150 वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानून को शासकों का भी शासक बताते हुए कहा कि न्याय प्रदान करना सबसे बड़ा धर्म माना गया है। समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, भारत के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर, राज्य के राज्यपाल राम नाइक ने भी शिरकत की।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, ‘लोकतंत्र की स्वतंत्रता की नींव मजबूत न्यायपालिका पर निर्भर करता है। प्राचीन काल से न्याय तथा विधि एक दूसरे के पूरक हैं।’ उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘कानून शासकों का भी शासक है। कानून का स्थान शासक से भी ऊपर होता है। कानून से समाज चलता है। जब-जब लोकतंत्र पर संकट आया इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले से उसका सम्मान रखा।’

उन्होंने कहा, ‘न्याय की यह धारा बनी रहे यही मेरी कामना है। गरीबों, वंचितों और महिलाओं को भी त्वरित न्याय मिले यही मेरी कामना है।’ बता दें कि 17 मार्च 1866 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की स्थापना की गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट से लगभग 17 हजार वकील जुड़े हुए हैं। यहां जजों के करीब 160 पद हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट देश का एकमात्र हाई कोर्ट है जिसका अपना म्यूजियम और गैलरी भी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ही इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द किया था। जगदंबिका पाल को भी यूपी के सीएम पद से हटाने का फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ही दिया था। अयोध्या जमीन विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ही जमीन का बंटवारा किया था। जिसमें राम मंदिर, बाबरी मस्जिद और अखाड़े के नाम पर तीन जगह बंटवारा किया गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट एशिया का सबसे पुराना और बड़ा कोर्ट है। पहले यह आगरा में था। वहां बनने के तीन साल के बाद इसको 1916 में इलाहाबाद में बनाया गया। इसकी एक अन्य बेंच लखनऊ में है।

 

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