इस पदक से ओलंपिक में नाकामी के जख्मों को भरने में मदद मिलेगी: चानू

गोल्ड कोस्ट (ऑस्ट्रेलिया)। कॉमनवेल्थ खेलों के पहले दिन मीराबाई चानू के गोल्ड मेडल हासिल करने से देशभर में उत्साह का माहौल है. जाहिर है इसका असर खेल गांव में दूसरे भारतीय एथलीटों पर भी पड़ेगा. मजबूत इरादों वाली चानू का सफर यहां से खत्म नहीं, बल्कि शुरू होता है. अब उन्हें देश का नाम एशियन और ओलंपिक जैसे बड़े इवेंट्स में करना है, जिसके लिए वो तैयार हैं.

 नहीं सोचा था रिकॉर्ड बनाऊंगी

चानू ने जीत के बाद कहा,‘मुझे रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन जब मैं यहां आई तो सोचा था कि रिकॉर्ड बनाऊंगी. मैं शब्दों में नहीं बता सकती कि इस समय कैसा महसूस कर रही हूं.’ उसने कहा ,‘मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की है. मैं बहुत खुश हूं. यह मेरा दूसरा राष्ट्रमंडल पदक है और बहुत अच्छा लग रहा है.’

मेरा अगला लक्ष्य एशियाई खेल है

इस मेडल से चानू का हौसला सातवें आसमान पर है. इससे पहले उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 194 किलो ( स्नैच 85 और क्लीन एंड जर्क 109 ) था, जो उन्होंने कुछ ही महीने पहले विश्व चैंपियनशिप में बनाया था. चानू ने कहा ,‘मेरा अगला लक्ष्य एशियाई खेल है. मैं इससे भी बेहतर करना चाहती हूं. वहां काफी कठिन स्पर्धा होगी और मुझे बहुत मेहनत करनी होगी. यहां प्रतिस्पर्धा नहीं थी, लेकिन मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था.’

उन्होंने कहा ,‘एशिया में भारोत्तोलन में काफी कठिन प्रतिस्पर्धा है, क्योंकि चीन और थाईलैंड होंगे. इसके बावजूद मुझे अच्छे प्रदर्शन का यकीन है.’ चानू ने कहा ,‘इससे ओलंपिक में नाकामी के जख्मों को भरने में मदद मिलेगी. वहां किस्मत ने साथ नहीं दिया.’ रियो ओलंपिक में चानू एक भी क्लीन लिफ्ट नहीं कर सकी थीं.

 

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