ईरानी राष्ट्रपति ने ट्रंप को चेताया, ‘शेर की पूंछ से मत खेलिए, आपको पछताना पड़ेगा’

तेहरान।  ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को अमेरिका को चेताया कि वह उनके देश के खिलाफ विवाद खड़ा करने से बाज आए. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, रूहानी ने कहा कि उनका देश अमेरिका के साथ दुश्मनी नहीं चाहता, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश किसी लड़ाई से हिचकेगा भी नहीं. रूहानी ने ईरानी राजनयिकों के एक समारोह में कहा, “ईरान के दुश्मनों को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि ईरान के साथ युद्ध सभी युद्धों से बड़ा है, और ईरान के साथ शांति सभी शांति से बड़ी है.”

तेहरान पर नए सिरे से प्रतिबंध 
ईरानी राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट के अनुसार, ईरानी राष्ट्रपति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेताया, “शेर की पूंछ से मत खेलिए, आपको पछताना पड़ेगा . धमकी का जवाब धमकी से देंगे.” उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 के बहुपक्षीय परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया और तेहरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए, जो अगस्त से प्रभावी हो जाएगा.

ट्रंप के रवैए से अब इस समझौते का भविष्य अधर में लटक गया है
ईरान और छह अन्य देशों (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी) द्वारा हस्ताक्षरित 2015 का परमाणु समझौता तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करता है, और इसके बदले ईरान पर लागू अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को समाप्त करने की अनुमति देता है . लेकिन ट्रंप के रवैए से अब इस समझौते का भविष्य अधर में लटक गया है.

ईरान ने चेताया- परमाणु समझौता तोड़ने पर अमेरिका को होगा पछतावा

ईरान ने चेताया- परमाणु समझौता तोड़ने पर अमेरिका को होगा पछतावा
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार(6मई) को कहा कि अगर अमेरिका तेहरान और विश्व की ताकतों के बीच हुए परमाणु समझौते को तोड़ता है तो वॉशिंगटन को बाद में पछताना पड़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेताया है कि 12 मई को वह समझौता को आगे नहीं बढ़ाएंगे. उन्होंने मांग की है कि अमेरिका के यूरोपीय सहयोगी खामियों को दूर करें नहीं तो वह फिर से पाबंदी लगाएंगे. उत्तर-पश्चिम ईरान में टेलीविजन पर अपने संबोधन में रूहानी ने कहा, ‘‘अगर अमेरिका परमाणु समझौते को छोड़ता है तो आप जल्द ही देखेंगे कि उन्हें उस तरह पछतावा होगा जैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ.’’

रूहानी ने कहा, ‘‘ट्रंप को जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं, यहूदी शासन (इजराइल) को यह जरूर जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं.’’ बराक ओबामा के नेतृत्व में 2015 में अमेरिका ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ईरान के बीच परमाणु समझौता हुआ था.

 

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