उपचुनाव में हार से मेरी छवि को नुकसान पहुंचाः सीएम योगी

नई दिल्ली। #ZeeIndiaConclave उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने यूपी उपचुनाव में भाजपा की हार पर कहा कि ‘सार्वजनिक जीवन में जीत हार व्‍यक्ति के लिए न उत्‍साह के क्षण होते हैं न अवसाद के. हमने आम जनमानसम में थोड़ी निराशा जरूरी देखी, लेकिन हमारी सरकार का प्रदर्शन अच्‍छा रहा है. हम दो के बदले 80 सीट जीतेंगे.’

मेरी छवि को नुकसान पहुंचा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के नतीजे हमारे लिए सबक है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव की हार से मेरी छवि को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन कोई नई बात नहीं है. 2014 में पीएम मोदी के खिलाफ विपक्षी एकजुट हुए थे.

क्या उपचुनाव नतीजों के बाद योगी का कद छोटा हुआ है? 
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के जरिए योगी आदित्यनाथ का छोटा हुआ है? इस सवाल का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा कि मैं सेवा को साधन मानता हूं. मैं सेवा को ही माध्यम बनाकर आगे भी काम करूंगा. यूपी में जितना अच्छा हो सकता है उतना अच्छा प्रदर्शऩ करके हम आपको दिखाएंगे.

2019 में भी यूपी से मिलेंगी ज्यादा सीटें
2019 में बीजेपी की जीत यूपी पर निर्भर है, इसके लिए योगी क्या करेंगे? इस सवाल के जवाब पर सीएम योगी ने कहा कि 2019 में मोदी जी फिर से पीएम बनेंगे. मोदी जी अजेय हैं, अजेय रहेंगे. यूपी 2019 में फिर से बीजेपी की सरकार बनाने में अहम योगदान देगा.

सपा-बसपा गठबंधन सौदेबाजी
उन्‍होंने कहा कि सपा बसपा का यह गठबंधन एक सौदेबाजी है. लोकल मुद्दे और अति आत्‍मविश्‍वास रखने वाले को केवल चुनाव में नहीं बल्कि व्‍यक्तिगत जीवन में भी मुंह की खानी पड़ती है. जब प्रत्‍याशी घोषित हुए तब अलग स्थिति थी और जब दोनों दलों का गठबंधन हुआ उसके बाद इस आत्‍मविश्‍वास में रहना कि यह सीएम की सीट है इसे हम जीत जाएंगे, यह संभवतया हार की वजह हो सकती है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां भी मतदान का प्रतिशत कम होता है वहां बीजेपी को नुकसान होता है.

प्रत्याशी को लेकर नहीं था कोई मतभेद
गोरखपुर में प्रत्याशी के चयन के सवाल पर योगी ने कहा कि प्रत्याशी हमारे द्वारा चुना गया था. प्रत्याशी को लेकर कोई मतभेद नहीं था. प्रधानमंत्री के प्रचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीएम के जाने से पार्टी को लाभ तो मिलता ही है. लेकिन उपचुनाव में उनका आना यह सोच गलत है.

भितरघात के सवाल को नकारा
भितरघात के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि यह अति आत्मविश्वास का खेल था. मैं जहां भी गया था तो कार्यकर्ता इतने आत्मविश्वास में रहता था कि कोई तकलीफ नहीं है. सब ठीक है. यही वजह रही की यह सीटें हमारे पास से छिटक गई.

तीसरा मोर्चे को लेकर कोई चिंता नहीं
तीसरे मोर्च के सवाल पर योगी ने कहा कि पहले यह सभी दल तय करें कि तीसरे मोर्चे का नेता कौन होगा? तीसरे मोर्च के नेताओं को अति उत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है.

उपचुनाव नतीजों के बाद हुई पीएम से बात
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री से बात हुई थी उन्होंने कहा कि पूरी पार्टी ने इन सारे चुनावों की समीक्षा और विभिन्न पहलुओं पर हुई चूक पर काम करना शुरू कर दिया है. नतीजे जल्द ही सामने आएंगे.

गोरखपुर में क्या ब्राह्मणों नहीं दिया वोट ?
बीजेपी उपचुनाव में सीटें गंवा रही है, इस सवाल के जवाब में योगी ने कहा कि बीजेपी हर उपचुनाव के बाद एक राज्य में जीतकर आती है. यह मानकर चलिए कि हम कर्नाटक में जीतकर आएंगे. और 2019 में मोदी के नेतृत्व में हम फिर से केंद्र में सरकार बनाएंगे. उपचुनाव में ब्राह्मण वोटर ने बीजेपी का साथ नहीं देने के सवाल पर योगी ने कहा कि हमारा तो प्रत्याशी ही ब्राह्मण था. हमारा वोटर किसी वर्ग में बंटा नहीं है. हमारा वोटर हमारा है. वह वर्गों में नहीं बंटा है.

अशुभ नहीं है नोएडा
नोएडा आने के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरे लिए कोई भी जगह अशुभ नहीं है, अशुभ को शुभ बनाने के लिए मैं यूपी में सत्ता में आया हूं. जिन लोगों ने राज्य में अराजकता फैलाई थी उससे मुक्त राज्य को करना ही शुभ है. प्रदेश की विकास गति को आगे बढ़ाना शुभ है. इसलिए जहां भी अशुभ होगा वहां हम जाएंगे

कौन सी जिम्मेदारी ज्यादा सुहाती है, MP या CM?
यूपी में अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर सीएम योगी ने कहा, एक सांसद के रूप में मेरा कार्यक्षेत्र गोरखपुर था. गोरखपुर की समस्याओं को मैं संसद में लगातार उठाता रहा था. अब मेरा कार्यक्षेत्र पूरा यूपी है. मुझे केंद्र की योजनाओं को प्रदेश में लागू करने का अवसर करने का मौका मिला है. यह बड़ा क्षेत्र है इसमें काम करने अलग अनुभव है. एक सीएम के रूप में पूरे प्रदेश के समग्र विकास के बारे में सोचने के काम पर मैं अग्रसर हूं. जो भी जिम्मेदारी मुझे दी गई है उसका मैं अच्छी तरह से निर्वहन कर रहा हूं.

केंद्र के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षियों के अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी के पास पहले भी बहुमत था, आज भी है और आगे भी रहेगा.  विपक्षी एकता के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी अपनी सभी सहयोगियों के साथ एक बार फिर से सरकार बनाएगी.

इंसेफ्लाइटिस के लिए कौन जिम्मेदार?
इंसेफ्लाइटिस के चलते गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि इस बीमारी के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई मैंने लड़ी है. कोई झूठी कहानी बना कर पेश करे तो जनता उसपर विश्वास नहीं करेगी.

गोरखपुर की हार पर बोले सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर बीजेपी का गढ़ है और रहेगा. वहीं फूलपुर की हार के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि अति आत्मविश्वास की वजह से हम हारे. उन्होंने कहा कि राजनीति ही नहीं सामान्य जीवन के किसी भी क्षेत्र में जब आप अति आत्मविश्वास के साथ काम करेंगे तो ऐसे ही परिणाम आएंगे.

2019 में विपक्ष की रणनीति पर सवाल
2019 में विपक्षी पार्टियों को लेकर सीएम योगी ने कहा कि पहले बीएसपी और एसपी को तय करना होगा कि इनका नेता कौन होगा? कितनी सीटें कौन लड़ेगा? उन्होंने कहा कि ये दोनों दल यह भूल जाएं कि यह लोग जाति के नाम लोगों को एकजुट करेंगे ऐसा नहीं होगा. उन्होंने सत्तारूढ़ दल के अंहकार के सवाल पर कहा कि लोक कल्याण की जितनी योजनाएं केंद्र सरकार ने लागू की हैं वह इतनी लाभांवित हैं कि लोगों की किस्मत बदल गई है. हमें अपनी योजनाओं पर गौरव करना चाहिए.

किसानों की कर्ज माफी
किसानों की कर्ज माफी और बिजली के बिलों के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, हम लोगों ने लघु और सीमांत किसानों को 31 मार्च 2016 तक के 1 लाख किसानों का कर्ज माफ किया. हमने प्रदेश के अंदर समान रूप से बिजली का वितरण किया है. हर जिला मुख्यालय को हम 24 घंटे बिजली दे रहे हैं.

योगी जी के मन की बात
योगी जी के मन की बात के सवाल पर सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि मेरे मन की बात वही है जो देश के हित में हो और प्रदेश के हित में हो.

इससे पहले कॉन्केल्व में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सांसद अमर सिंह, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, सुनील देवधर, कॉनरॉड संगमा अतिथि बनें व विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात कही.

त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने #ZeeIndiaConclave में कहा कि ‘फूलपुर और गोरखपुर उप चुनाव दूसरे रंग में हुआ है. जो कभी एक दूसरे की शक्‍ल भी नहीं देखते थे वो आज एक ही डंडे में एक दूसरे का झंडा लगाकर घूम रहे हैं.’ उन्‍होंने कहा कि ‘उत्‍तराखंड की जनता प्रखर राष्‍ट्रवादी जनता है.’ रावत ने आगे कहा कि ‘अभी तीन राज्‍यों के भी परिणाम आए और वहां भाजपा की सरकार बनी, मेरा मानना है कि यूपी उप चुनाव की कोई तपन उत्‍तरांखड तक आई है.’ उन्‍होंने कहा कि आज दुनिया में भारत अपनी पहचान के साथ जा रहा है. कभी हम किसी दूसरे का लबादा ओढ़कर जाते थे, लेकिन अब हमारी अपनी अलग पहचान है. उन्‍होंने कहा कि उत्‍तराखंड की जनता पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है, भाजपा के साथ है. देश के टुकड़े करने की बात करने वालों को देखना चाहिए कि वो आखिर किसके कहने पर ऐसा कर रहे हैं.

चलो पलटाय के नारे ने त्रिपुरा में परिर्वतन की चाह पैदा की
त्रिपुरा में पहली बार कमल खिलाने वाले उस जीत के नायक राज्‍य के बीजेपी प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि ‘यह जीत त्रिपुरा की जनता की मांग थी. चलो पलटाय के इस नारे में त्रिपुरा में परिर्वतन की चाह पैदा की.’ उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी त्रिपुरा को कभी गंभीरता से नहीं लिया. चुनाव प्रचार में मैंने खासी भाषा का भी इस्‍तेमाल किया. मैंने खासी समुदाय की भाषा सीखी. #ZeeIndiaConclave में चर्चा के दौरान उन्‍होंने यह बातें कहीं. वहीं, मेघालय के मुख्‍यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमने नॉर्थ ईस्‍ट में बदलाव देखा है. हमें यह सोच बदलनी होगी कि देश में हमारी अनदेखी की गई.

सुनील देवधर ने चर्चा के दौरान कहा कि लेनिन की मूर्ति गिराना गलत था. भाजपा इसकी निंदा करती है. पुतला गिराकर आप किसी विचारधारा को खत्‍म नहीं कर सकते. 6 तारीख को हमारे विधायक दल की बैठक हुई और बिप्‍लव देव ने कुर्सी संभालते ही कहा कि कानून-व्‍यवस्‍था बिगाड़ने वालों को बख्‍शा नहीं जाएगा. हम 21 राज्‍यों में जीते हैं, वहां भारत माता की जय के नारे लगते हैं और कहीं कोई उप चुनाव जीतता है तो वहां भारतविरोधी नारे लगते हैं. मेरा मानना है कि देश के खिलाफ नारेबाजी का कोई समर्थन नहीं कर सकता.

फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्‍दुल्‍ला ने #ZeeIndiaConclave में कहा कि कश्‍मीर समस्‍या का हल जरूर निकलेगा लेकिन यह कब निकलेगा, यह सिर्फ परवरदिगार का पता है. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि हम PoK को वापस नहीं ले सकते. कश्‍मीर में आतंकियों की घुसपैठ बंद नहीं हो सकती. अमन और शांति के लिए भारत और पाकिस्‍तान के बीच बातचीत ही एकमात्र रास्‍ता है. बिना बातचीत के कश्‍मीर में अमन नहीं होगा. इस बातचीत से ही घुसपैठ रोकी जा सकती है. हालांकि यह भी कहा कि कश्‍मीर, भारत का अभिन्‍न अंग है और रहेगा. हमें धर्मों को जोड़ने की बात करनी होगी. बांटने की राजनीति से बचना होगा. पत्‍थरबाजों के मसले पर बोलते हुए कहा कि मेरे पास उनको रोकने की ताकत नहीं है. हालांकि सवालिया लहजे में पूछा कि भारत, पाकिस्‍तान से बात क्‍यों नहीं कर सकता? कश्‍मीरी पंडितों के सवाल पर फारूक अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि उनकी वापसी कश्‍मीर में जरूर होगी.

अपने बारे में बोलते हुए फारूक अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि मैं स्‍पष्‍टवादी हूं. मुझे सपने नहीं आते, शायद मैं अजीब हूं. मुसलमान मुझे हिंदू समझते हैं. हिंदू समझते हैं कि मैं मुसलमान हूं. मेरे जीवन का मंत्र ‘जियो और जियो देने’ का है. हमारी कोशिश रहेगी कि कश्‍मीरी पंडित कश्‍मीर में वापस आएं, ये जितना हमारा वतन है उतना ही आपका वतन है. मेरा आपसे वादा है कि मैं आपको बाइज्‍जत वापस लाऊंगा. फारूक अब्‍दुल्‍ला के दिल में खोट नहीं है.

पाकिस्‍तान पर राय
– पाकिस्‍तान के सभी लोग हिंदुस्‍तान के दुश्‍मन नहीं है.
– पाकिस्‍तान में सबसे बड़ा रोग आर्मी है और सारी समस्‍याओं की जड़ वही है.
– पाकिस्‍तान और देशद्रोह दोनों देश के लिए खतरा हैं.

मुख्तार अब्बास नकवी
अल्संख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा, लंबे समय से बीजेपी के खिलाफ दुष्‍प्रचार का माहौल रहा है. हमारे विकास का मसौदा वोट का सौदा नहीं है. हमने विकास और शिक्षा के मामले में किसी से भेदभाव नहीं किया. उन्‍होंने कहा, हम बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. अगर आप शासक, हाकिम बने हैं तो आपके विकास का एजेंडा उस जरूरतमंद के लिए होना चाहिए, जिसे उसकी जरूरत है. जब मोदी जी सरकार में आए तो सरकारी नौकरियों में 4.5 प्रतिशत मुसिलम थे. हमने पिछले दो सालों में फ्री कोचिंग शुरु की, जिसके चलते  126 से ज्‍यादा बच्‍चे यूपीएसी एग्‍जाम में पास हुए जोकि अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के थे. मुस्लिम महिलाओं को चुनाव में टिकट जरूर मिलने चाहिए.

मैंने बच्चन परिवार के लिए जो भी किया वो अपने लिए किया: अमर सिंह
राज्‍यसभा सांसद अमर सिंह ने #ZeeIndiaConclave में बोलते हुए कहा कि 1996 से लेकर 2009 तक लगातार सुर्खियों में रहा. 2009 में पहली बार पता चला कि दोनों किडनी खराब हो गई हैं तो डॉक्‍टरों ने कहा कि मेरा बचना मुश्किल है. उस दौर में मुझे अपनों के बारे में भी पता चला क्‍योंकि बारी-बारी से सबने धोखा दिया. इन सबके बावजूद जीवन के अर्थ को समझते हुए अपनी जिजीविषा की बदौलत आपके समक्ष हूं. अब मैं गुजरे वक्‍त और भविष्‍य के बारे में नहीं सोचता. मुझे वफादारी का कभी फायदा नहीं मिला. उन्‍होंने शायराना अंदाज में कहा, ‘अपनों ने प्‍यार से, गैरों ने मक्‍कारी से, हमको तो सबने लुटा है बारी-बारी से…’

गोरखपुर और फूलपुर में सपा की जीत पर कहा कि दो सीटों पर जीतने से बहुत खुश नहीं होना चाहिए. बीजेपी के बारे में बोलते हुए कहा कि त्रिपुरा में तो मैंने भी नहीं सोचा था कि यहां बीजेपी जीतेगी. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि देश में क्‍या हो रहा है. मुलायम सिंह के बारे में कहा कि मैं अब भी उनके साथ हूं. लेकिन साथ ही जोड़ा कि अब बाप-बेटे (मुलायम-अखिलेश) के बीच में नहीं पड़ना चाहता क्‍योंकि भतीजे को लगता है कि मैं पिता के कान भरता हूं. हालांकि मुलायम सिंह ने कभी मुझे बाहर नहीं निकाला. पहली बार आजम खां और रामगोपाल यादव ने हमें निकलवाया. दूसरी बार अखिलेश ने हमें बाहरी बताया. मैंने होली के दिन भी मुलायम सिंह से बात नहीं की, ताकि अखिलेश यह ना कह दें कि मैंने उन्‍हें कुछ सिखा दिया.

अमिताभ बच्‍चन अस्‍वस्‍थ हैं, मैं उनके अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य की कामना करता हूं. पूरा देश जानता है कि मैंने बच्‍चन परिवार से कुछ लिया नहीं. न मैंने उन पर कोई उपकार किया. बस केवल स्‍वीकृति चाहता हूं. जया बच्‍चन को नरेश अग्रवाल ने नाचने वाली कह दिया, इसका मैं विरोध करता हूं.

रविशंकर प्रसाद
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में बीजेपी की हार पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद प्रसाद ने कहा कि गोरखपुर में हार का हमें दुख है. इसका आत्‍म निरीक्षण किया जाएगा. लेकिन इसके साथ ही कहा कि उपचुनावों को किसी प्रकार का ट्रेंड नहीं समझना चाहिए. इससे पहले कई बार सत्‍ताधारी दल उपचुनावों में हार जाते हैं, लेकिन आम चुनावों में स्थिति भिन्‍न होती है. ऐसे में कहना चाहते हैं कि उपचुनाव के नतीजे विपक्ष को मुबारक हों लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में अगला आम चुनाव हम फिर जीतेंगे.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2जी फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला पूरी तरह से गलत है. संबंधित जज ने कई सबूतों को नजरअंदाज किया है. मैंने 1500 पेज के उस जजमेंट को पढ़ा है. हम इसके खिलाफ अपील करेंगे.

रविशंकर प्रसाद ने उपचुनावों की हार के बाद सपा-बसपा गठबंधन बनने की संभावना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले साल भी यूपी में दो लड़के (अखिलेश यादव-राहुल गांधी) भी मिले थे, उसका हश्र क्‍या हुआ? सभी जानते हैं. अब सपा-बसपा गठबंधन की बात पर मैं यह कहना चाहता हूं कि इसमें नेता कौन होगा? पहले उनको यह बताना होगा. ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि समाजवादियों के बारे में मेरी एक राय है कि ये एक साल से अधिक साथ नहीं रह सकते और दो साल से अधिक अलग नहीं रह सकते.

क्या अखिलेश बनेंगे गठबंधन के सुल्तान?
 #ZeeIndiaConclave में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में बीजेपी की हार पर बोलते हुए सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि इन दोनों जगहों से क्रमश: मुख्‍यमंत्री और उपमुख्‍यमंत्री हारे हैं. ऐसे में सपा की जीत में हमारा कोई योगदान नहीं है, खुद बीजेपी अपने कारनामों की वजह से हारी है. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि बसपा का महत्‍वपूर्ण सहयोग इस जीत में जरूर रहा. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी को तो पकौड़ा पॉलिटिक्‍स ने हराया है. हालां‍कि जब जी मीडिया के संपादक सुधीर चौधरी ने पूछा कि जब 2017 में आप सत्‍ता से बाहर हुए थे तो कई लोगों ने आपके सियासत में हाशिए पर जाने की बात कही थी. समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने ZeeIndiaConclave में कहा कि ‘हमारे लिए राजनीति में उतार-चढ़ाव नए नहीं हैं. 2012 से 17 तक हमको काफी काम करने का मौका मिला. 17 में किन्‍हीं कारणों से हम सत्‍ता में नहीं लौट पाए. जिस तरह की राजनीति को बीजेपी ने चुना, उसकी वजह से समाजवादी लोग हारे और हमारी सरकार नहीं बन पाई.’

दोनों दलों के गठबंधन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि कभी-कभी दूसरों से भी सीखना चाहिए. हमने तो बीजेपी से भी सीखा. बीजेपी ने धर्म के आधार पर सबसे ज्‍यादा राजनीति की है. हम समाजवादी लोग कभी विकास का रास्‍ता भूलने वाले नहीं हैं. अगर बीजेपी एथिक्‍स की बात करे तो बेहद अच्‍छी बात है. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी हमें एथिक्‍स न सिखाए. बीजेपी को पकौड़ा राजनीति ने हरा दिया. हमने चाय पर नहीं सच्‍चाई पर बात कर दी, इसलिए हम जीत गए. अब तो मन करता है कि अगर हम कहीं से निकले और पता चल जाए कि सामने खड़ा शख्‍स भाजपाई है तो हम तो तुरंत उसके सामने लाल टोपी पहन लें. अखिलेश ने कहा कि, मैंने मायावती को बुआ की तरह सम्‍मान दिया. हम चाहते हैं कि रिश्‍ते बने रहें. हम उत्‍तरप्रदेश की राजनीति में ज्‍यादा रूचि ले रहे हैं, देश की नहीं. यूपी उपचुनाव की बात करें तो हमारी पार्टी पिछले काफी समय से जमीनी स्‍तर पर काम कर रही थी. जनता ने समाजवादियों की मदद की, क्‍योंकि हमने उन्‍हें मदद की थी.

सीएम योगी आदित्‍यनाथ की कार्यशैली पर जब अखिलेश यादव से सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने चुटकी लेते हुए कहा कि योगी जी की रफ्तार बहुत तेज है. यदि इसी तरह से वह चलते रहे तो जल्‍द ही पीएम मोदी को ओवरटेक कर जाएंगे. हम तो चाहते हैं कि वह इसी तरह चलते रहें ताकि हमको भी आशीर्वाद मिलता रहे. हालांकि हारने के बाद से ही सीएम योगी की भाषा बदल गई है. उसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि समाजवादियों ने बीजेपी के झूठ को पकड़ लिया है.

आंकड़ों का हवाला देते हुए जी मीडिया के संपादक सुधीर चौधरी ने जब पूछा कि यदि 2019 में सपा-बसपा एक साथ आ जाएं तो बीजेपी को 50 सीटों का नुकसान हो सकता है. ऐसे में आप क्‍या तीसरे मोर्चे की संकल्‍पना को देख रहे हैं? क्‍या उसकी अगुआई के लिए तैयार हैं? इस पर अखिलेश ने कहा कि वह इतने ऊंचे सपने नहीं देखते. वह फिलहाल यूपी की सियासत में ही मशरूफ हैं. इससे ज्‍यादा कुछ नहीं सोच रहे हैं.

जब उनसे सवाल पूछा गया कि अब दो उपचुनावों को जीतने के बाद आप ईवीएम पर दोष देना तो बंद कर देंगे तो अखिलेश ने कहा कि जहां तक ईवीएम का सवाल है तो मेरा यह कहना है कि जब ईवीएम में खराबी आती है तो उसको ठीक किया जा सकता है, इसी तरह यदि यह ठीक है तो उसको खराब भी किया जा सकता है.

अखिलेश यादव से यह भी पूछा गया कि आपने पहले कहा था कि पिता मुलायम सिंह यादव से आपने केवल 300 दिनों के लिए अध्‍यक्ष की कुर्सी ली है और तय समय के बाद आप उनको यह पद लौटा देंगे? इस पर अखिलेश ने मुस्‍कुराते हुए कहा कि मुलायम सिंह ने अब मुझे आशीर्वाद दे दिया है. वह अब त्‍याग के रास्‍ते पर हैं. सत्‍ता जाने के बाद अब नेताजी नाराज भी नहीं होते हैं.

सुब्रमण्यम स्वामी Vs असदुद्दीन ओवैसी
जी इंडिया कांक्‍लेव के पहले सेशन में जब जी मीडिया के संपादक सुधीर चौधरी ने यूपी उपचुनावों के नतीजों के बारे में बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी से पहली प्रतिक्रिया मांगी तो उन्‍होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि दरअसल यूपी उपचुनावों में जो प्रत्‍याशी मैदान में थे, वे सीएम योगी की पसंद के नहीं थे. दूसरी बात उन्‍होंने यह कही कि वह यूपी के उपचुनावों के नतीजों को गंभीरता से नहीं लेते. आंध्र प्रदेश में तेलुगु देसम पार्टी के सरकार से अलग होने और संसद में अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने पर बोलते हुए कहा कि उनको ज्‍यादा दलों का समर्थन नहीं मिलेगा. यहां तक कि भले ही शिवसेना ने अगले चुनावों में एनडीए का साथ छोड़ने की बात कही हो लेकिन वह टीडीपी को समर्थन कभी नहीं देगी. इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश में केवल हिंदू वोट बैंक है, मुस्लिम वोटबैंक नहीं है. धर्म-जाति के नाम पर चुनाव होते रहे हैं. राजनीति में हर समुदाय को तवज्‍जो मिलनी चाहिए. कांग्रेस, बीजेपी ने मुसलमानों का साथ नहीं दिया.

इसके साथ ही ओवैसी ने मुसलमानों के लिए आरक्षण की वकालत करते हुए कहा कि दलितों पर अब भी अत्‍याचार हो रहे हैं. इसी तरह के अत्‍याचार मुस्लिमों पर हो रहे हैं. लिहाजा मुस्लिमों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. इसकी मुखालफत करते हुए स्‍वामी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को आरक्षण की नहीं बल्कि सकारात्‍मक प्रोत्‍साहन की जरूरत है. साथ ही जोड़ा मुस्लिमों ने 800 साल तक देश में राज किया है, ऐसी कौम को कभी आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. ओवैसी ने कहा कि संविधान में इसकी व्‍यवस्‍था की गई है, लिहाजा हम इस हक को लड़कर लेंगे.

अररिया उपचुनाव में राजद प्रत्‍याशी के जीतने पर पाकिस्‍तान समर्थक नारे लगाए जाने संबंधी सवाल पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस तरह की वीडियो की जांच होनी चाहिए. देश विरोधी नारे लगाने वालों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. हालांकि तंज कसते हुए कहा कि जेएनयू में भी इस तरह के नारे लगाए जाने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा. उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर मुसलमानों पर शक क्‍यों किया जाता है? उन्‍होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी नहीं चाहती कि मुसलमान मुख्‍यधारा में आए. आखिर बीजेपी की तरफ से कोई मुस्लिम सांसद क्‍यों नहीं है? इस पर स्‍वामी ने कहा कि बीजेपी ने गलती ये की है कि उसने केवल मुस्लिम मर्दों को टिकट दिया. इस पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने कहा कि 2जी मामले में तो आप इंसाफ दिला नहीं सके तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक कानून के माध्‍यम से कैसे इंसाफ दिलाएंगे? इस पर स्‍वामी ने कहा कि 90 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन करती हैं.

जब संपादक सुधीर चौधरी ने कहा कि सिनेमा और खेल में तो मुस्लिम एक्‍टर और खिलाडि़यों को बेहद सम्‍मान मिलता है. सुपरस्‍टार खान तिकड़ी का तो दबदबा है और मुस्लिम क्रिकेट खिलाड़ी तो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान तक रहे हैं तो उनको वहां तो सम्‍मान मिलता है तो आप उसके बाहर उनके साथ भेदभाव की बात किस आधार पर करते हैं? इस पर ओवैसी ने कहा कि दरअसल पुलिस और समाज के भीतर मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया जाता है, इसलिए हम सामाजिक भेदभाव की बात कहते हैं.

उल्‍लेखनीय है कि देश का दिग्‍गज जी मीडिया समूह शनिवार (17 मार्च) को बदलते भारत और उसके मिजाज को समझने के लिए #ZeeIndiaConclave का आयोजन कर रहा है. देश के इस सबसे बड़े सम्‍मेलन में सामयिक विषय पर राजनीतिक जगत की दिग्‍गज हस्तियां अपने विचारों को पेश करेंगे. इसी कड़ी में सरकार के नुमाइंदे बताएंगे कि भारत कैसे बदल रहा है? बदलाव की नब्‍ज पकड़ने वाले फैक्‍टर क्‍या हैं? बदलते भारत की धड़कन को हम कैसे महसूस कर सकते हैं? इसके साथ ही विपक्षी दलों के नेता मौजूदा सरकार के कामकाज पर अपनी राय रखेंगे और खामियों को गिनाएंगे. वे इस तरह जनता की आवाज को जी नेटवर्क के मंच से सरकार तक पहुंचाएंगे.

आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और ट्विटर पर #ZeeIndiaConclave के साथ अपनी राय दे सकते हैं, सवाल पूछ सकते हैं और सलाह भी दे सकते हैं.

 

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