उ.प्र. में ‘ढीली सरकार’ पर सवार एक ‘कड़क’ योगी !

सूर्यप्रताप सिंह
आज योगी सरकार ने एक सड़क घोटाले में CBI जाँच के आदेश दिए….अब क्या सच में उत्तर प्रदेश में CBI की जाँचों का दौर शुरू हो गया है या केवल सांकेतिक दिखावा भर ही है ….CM योगी की हनक़ और हुंकार का रंग अभी जमा नहीं…बड़े अरमानों से सजी ‘सत्ता के बदलाव’ की डोली, कहीं हसरतों की चिता में तब्दील न हो जाए…यह डर लगता है !!!
पूर्व सरकारों के ३८ बड़े घोटाले, लेकिन CBI जाँच के नाम पर ज़्यादा कुछ नहीं….
दिल्ली-सहारनपुर-यमनोत्री सड़क घोटाला (रु. 455 करोड़ का ग़बन): अखिलेश यादव-नवनीत सहगल सिंडिकेट का कारनामा: आज योगी सरकार ने पहली CBI जाँच का आदेश दिया…..सचल ‘पालना’ घोटाला में हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश दिए (रु.50 करोड़ का ग़बन। …….गोमती रिवर फ़्रंट घोटाला (रु. 15,00 करोड़ का घोटाला): CBI जाँच की सम्भावना है।
रु. 30,000 करोड़ का इक्स्प्रेस्वे घोटाला (अखिलेश यादव-नवनीत सहगल सिंडिकेट) व उ.प्र. लोकसेवा आयोग भर्ती घोटाला के साथ-२, मैंने निम्न 38 बड़े घोटालों की तरफ़ सरकार ध्यान आकर्षित किया है। जो सभी CBI जाँच के पात्र हैं। देखना है कि योगी सरकार क्या करती है ? सरकार को क़ानून व्यवस्था व भ्रष्टाचार दोनों विषयों में प्रभावी करवाई करनी होगी, तभी चुनाव पूर्व का ये नारा तभी सार्थक होगा….’न गुंडाराज न भ्रष्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार’। हाल की ताबड़तोड़ घटनाओं से क़ानून व्यवस्था तो बड़ी चुनौती बनी ही हुई है…. पूर्व सरकारों के भ्रष्टाचार पर भी अभी तक योगी सरकार की कार्यवाही ज़्यादा कुछ नही। हम सबको मिलकर आवाज़ उठाते रहना है ….नहीं तो नेता मूर्ख बनाके वोट लेते रहेंगे ….दोस्तों याद रखो कि…
“उसके कत्ल पर मैं चुप था, अब मेरा नंबर आया है,
मेरे कत्ल पर तू चुप है, अब अगला नंबर तेरा है।”………ये भ्रष्टाचार का तांडव हम सबको एक-२ करके लील जाएगा।
आशावान रहें, लेकिन किसी नेता या पार्टी के अंधभक्त न बने …….सजग/विवेकशील बने रहना ही लोकहित में रहता है।
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उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के CBI जाँच के पात्र कुछ बड़े घोटाले ……….
1. रु. २.०० लाख करोड़ के बृहत् घोटाले-नॉएडा/ग्रेटर नॉएडा/ यमुना इक्स्प्रेस्वे अथॉरिटी/UDSIDC /GDA/LDA विकास प्राधिकरणों/ आवास विकास परिषद के पिछले १० वर्षों के भूमि आवंटन,एफ़एआर परिवर्तन, ब्याज माफ़ी,भू उपयोग परिवर्तन, ठेके, टेंडर, संस्थानों को सस्ती भूमि देना, मेट्रो , १करोड़ से बड़े निर्माण कार्य, नॉएडा इक्स्टेन्शन व बड़े बिल्डर्ज़ के नक़्शे पास करने में अनियमिततायें, ग्रीन बेल्ट पर क़ब्ज़े, भू अधिग्रहण व मुआवज़े वितरण, इन्स्टिटूशनल ऋण आदि में हुए भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दे।
2. रु. ३०,००० करोड़ का लखनऊ-आगरा इक्स्प्रेस्वे का भ्रष्टाचार
3. रु. १५५० करोड़ का गोमती रिवर फ़्रंट प्रोजेक्ट घोटाले
4. चीनी मिलों की बिक्री व चीनी मिल संघ में भर्ती घोटाला, शीरा व बगास क्रय/विक्रय
5. UPPSC व अन्य भर्ती आयोगों के घोटाले
6. रु. ७०० करोड़ का मिडडे मील/पंजीरी ठेका
7. रु. १६००० करोड़ प्रति वर्ष के शराब के ठेके
8. रु. ५०,००० करोड़ का खनन का भ्रष्टाचार
9. रु. २५,००० करोड़ के मंडी समिति के निर्माण कार्य
10. रु. ५,००० करोड़ का नक़ल का धंधा, बोर्ड द्वारा द्वारा करायी प्रंटिंग, किताब व अन्य ख़रीदारी, सर्व शिक्षा अभियान के निर्माण कार्य, लैप्टॉप ख़रीद,
11. समाज कल्याण विभाग का छात्रवृत्ति घोटाला
12. रु. ५०,००० करोड़ के आवास विभाग द्वारा बड़े बिल्डर्ज़ को किए गए भूमि आवंटन व बिल्डर्ज़ की अनियमित्ताएँ
13. पिछले १० वर्ष के २.०० लाख करोड़ के बिजली विभाग में ख़रीदारी व निर्माण कार्यों की जाँच
14. रु. २५,००० करोड़ PWD/सिंचाई/लघु सिंचाई विभागों के निर्माण कार्य
15. पंचायती राज विभाग के निर्माण कार्य
16. रु. ५०,००० करोड़ के चिकित्सा विभाग/NHRM में पुनः हुए घोटाले-दवा व उपकरण ख़रीद, ऐम्ब्युलन्स सेवा, बिल्डिंग निर्माणआदि
17. फ़र्ज़ी वृक्षारोपण घोटाला
18. सचिवालय में स्टेशनेरी ख़रीद घोटाला
19. रोडवेज़ बस ख़रीद घोटाला, परिवहन विभाग का ओवर्लोडिंग घोटाले-टोकन सिस्टम
20. फ़िल्म निर्माण अनुदान घोटाला
21. निर्माण एजेंसियों-राजकीय निर्माण निगम, ब्रिज कॉर्परेशन,RES,PWD, सहकारी संघ,समाज कल्याण निगम,जल निगम/जल संस्थान के द्वारा निर्माण कार्यों जे गुणवत्ता की जाँच
22. Outsourcing के माध्यम से की जा रही भर्तियाँ
23. प्रदेश में विभिन्न दरों पर साइकल ट्रैक निर्माण
24. ग़ाज़ियाबाद में हज हाउस निर्माण
25. मनेरेगा फ़र्ज़ी मस्टर रोल घोटाला
26. नयीं नहरों/डेम के निर्माण/सफ़ाई घोटाला
27. लघु सिंचाई का चेक डेम घोटाला
28. कृषि बीज ख़रीदारी
29. नए विमान ख़रीद
30. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी clearances
31. पशुधन विभाग की भर्तियाँ
32. सहकारिता विभाग व बैंक की भर्ती व ऋण वितरण
33. सरकारी भवनों पर क़ब्ज़े व आवंटन
34. पूरे प्रदेश में सरकारी व ग़ैर सरकारी जमीनो पर सपा के गुंडों द्वारा किए गए क़ब्ज़े
35. पूरे प्रदेश में ग़ायब हुए हज़ारों बच्चे व महिलाएँ
36. सांसद व विधायक निधि व सरकार द्वारा से प्राइवेट संस्थाओं को दिया गया धन-अमानत में खयानत के घोटाले।
37. रु. ८६० करोड़ का जय प्रकाश नारायण अन्तराष्ट्रीय केन्द्र(जेपी सेन्टर), चक गंजरिया सिटी, जनेश्वर मिश्र पार्क तथा पुराने लखनऊ के सुन्दरीकरण के घोटाले
38. सैफ़ई गाँव के लगभग रु. २०,००० करोड़ के कार्य
जाँच होने से कई बड़े लोग-नेता/नौकरशाह जेल जाएँगे ….मुलायम/मायावती/अखिलेश/यादव परिवार के लोग जेल जाएँ तो जनता को राहत मिले …..विश्वास क़ायम हो !!!

 

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