एक बार फिर से कश्मीर में तैनात होंगे ब्लैक कैट कमांडो

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में दुश्मन का सीना चीरने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने फुलप्रूफ प्लान बनाया है. सरकार का मुख्यालय एक बार फिर से जम्मू से श्रीनगर शिफ्ट हो गया है. सात मई से श्रीनगर मुख्यालय में कामकाज शुरू हो जाएगा. सीमापार से आतंकी हमले की साज़िश और अलगावादियों के हिंसक प्रदर्शनों के बारे में खुफिया रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय को श्रीनगर शिफ्ट किया गया है.

खुफिया रिपोर्ट के आकलन के बाद सुरक्षा एजेंसियां सरकार के मुख्यालयों और दक्षिण कश्मीर में सरकार और सुरक्षा बलों के महत्वपूर्ण ठिकानों के फुलप्रूफ सुरक्षा प्लान पर अमल करने में जुट गई हैं. श्रीनगर में सचिवालय, पुलिस हेडक्वार्टर के अलावा महत्वपूर्ण सरकारी भवनों और सुरक्षा ठिकानों की तरफ जाने वाले सड़क पर बैरिकेडिंग के साथ-साथ चार लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया जा रहा है.

सीएम-पूर्व सीएम के आवास पर होगी कड़ी सुरक्षा

वहीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और फ़ारूख अब्दुल्ला के आवास वाले अतिसुरक्षित माने जाने वाले गुप्कार रोड, राजभवन रोड की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए और सुरक्षा का प्लान नए सिरे से तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा डल गेट और तमाम बड़े होटलों की भी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.

ब्लैक कैट कमांडो की तैनाती करेगा गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा प्लान के तहत एक बार फिर से कश्मीर घाटी में ब्लैक कैट कमांडो के तैनाती करने का फैसला किया है. गृह मंत्रालय के आला अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि शुरू में अत्याधुनिक हथियारों से लैस ब्लैक कैट कमांडो की 20 टीमें तैनात होंगी, जिनका नेतृत्व चार कर्नल रैंक के अफसर करेंगे. इनके अलावा कर्नल, मेजर और कैप्टन रैंक के अफसर ऑपेरशन के दौरान नेतृत्व करेंगे.

ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक, श्रीनगर एयरपोर्ट, राज्य सचिवालय, पुलिस मुख्यालय सहित सभी महत्वपूर्ण सरकारी और सामरिक ठिकानों की डिजिटल मैपिंग की गई है. जिससे आतंकियों के खिलाफ ऑपेरशन सटीक हो सके.

सेना पैरामिलिट्री फ़ोर्स और राज्य पुलिस की मदद करेंगे कमांडो

प्लान के मुताबिक, ये कमांडो महत्वपूर्ण सरकारी ठिकाने या फिर ज्यादा आबादी वाले इलाक़े में आतंकी हमले के दौरान सरकारी कर्मचारियों और नागरिकों को बंधक बनाए जाने की सूरत में आतंकियों से निपटने में सेना पैरामिलिट्री फ़ोर्स और राज्य पुलिस के एसओजी की मदद करेंगे. ताकि आतंकियों का खात्मा बेहतर तरीके से किया जा सके.

गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, आतंकी हमलों के बढ़ते खतरे और मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को होने वाले नुकसान को देखते हुए ब्लैक कैट कमांडो तैनात करने का फैसला किया है. प्लान के मुताबिक, ये कमांडो अत्याधुनिक हथियारों जैसे इस्राइल में बने हेकलर एंड कोच MP5 सब मशीन गन, कार्नर शॉट राइफल, स्नाइपर राइफल, ऑस्ट्रिया में बने गलोक पिस्टल, दिवार के आरपार दिखाने वाले राडार और  C4  विस्फोटक से लैस होंगे.

ये कमांडो आतंकियों की तरफ से बंधक बनाए जाने की स्थिति में और आतंकियों के छिपे होने के ठीकाने पर त्वरित कार्रवाई करेंगे. आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में नागरिकों और बिल्डिंग को ज़्यादा नुकसान भी ना हो ये सुनिश्चित होगा.

बौखलाहट में हैं आतंकी

सूत्रों के मुताबिक़, ब्लैक कैट कमांडो की एक टीम में पांच कमांडो का नेतृत्व जेसीओ स्तर के सेना से अफसर करेंगे. इस टीम में विस्फोटक एक्सपर्ट और फोरेन्सिक एक्सपर्ट भी होंगे. दरअसल सेना के ऑपेरशन ऑलआउट में बड़ी संख्या में आतंकियों और उनके कमान्डर के मारे जाने से आतंकी बौखलाहट में हैं.

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़, सात मई को श्रीनगर में राज्य सरकार मुख्यालय में कामकाज शुरू होने से पहले सीमापार बैठे आतंकियों के आका और पाकिस्तान की आईएसआई के हुक्मरानों में भी बेचैनी है. देश के ये दुश्मन सात मई के आसपास आतंकी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में है.

14 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार

वहीं सुरक्षा बल भी ऑपेरशन ऑल आउट के तहत बड़े आतंकी कमांडरों के खात्मे के 14 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार की है, जिसमे समीर टाइगर को कल ही मार गिराया गया था. बांकियो की तलाश जारी है. आतंकी खतरे को देखते हुए बीएसएफ, सीआरपीएफ और सेना के कैम्प और मुख्यालय की तरफ जाने वाली सड़कों ट्रैफिक का नियंत्रण सुरक्षा के लिहाज से किया गया है.

बदले सुरक्षा के माहौल गृहमंत्रालय की चिंता आतंकियों से ज्यादा अलगाववादी और पत्थरबाज़ भी हैं, जो गर्मियों के दौरान घाटी को विरोध प्रदर्शनों की आग में झोंकने की तैयारी में हैं. श्रीनगर में डाउन टाउन, पंथा चौक और लाल चौक के अलावा दक्षिण कश्मीर के कई इलाके अलगावादियों के जमावड़े और पथ्थरबाज़ी के लिहाज़ से काफी संवेदनशील हैं.

पैलेट गन का इस्तेमाल करेंगे सुरक्षा बल

पत्थरबाजों और प्रदर्शनकारी युवाओं से निपटने के लिए सुरक्षा बल दोबारा से पैलेट गन के इस्तेमाल के साथ साथ रबर बुलेट और पावा शेल्स का इस्तेमाल करेंगे. इसके पर्याप्त खेप सुरक्षा बलों को मुहैया करा दी गई है.

 

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