एलजी खुद चलाएं वैट डिपार्टमेंट: दिल्ली सरकार
नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार की उपराज्यपाल से जंग अब और तेज हो गई है। शुक्रवार को कैबिनेट की मीटिंग में दो प्रस्ताव पारित कर एलजी के फैसलों पर गंभीर सवाल उठाए गए। दिल्ली सरकार ने एलजी पर सीधा हमला बोला और कहा कि उनकी ओर से दिल्ली सरकार के कामकाज को बाधित करने की कोशिशें की जा रही हैं। प्रस्ताव पास कर वैट कमिश्नर के ट्रांसफर पर सवाल उठाए गए और ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) बनाने का फैसला किया गया।
वैट कमिश्नर विजय कुमार के ट्रांसफर के बाद दिल्ली सरकार पूरी तरह से हमलावर हो गई है। कैबिनेट की मीटिंग के बाद सरकार की ओर से कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने इस साल 24,000 करोड़ का वैट कलेक्शन का टारगेट रखा था और वैट कमिश्नर विजय कुमार ने इस टारगेट को पूरा करने के लिए मुहिम छेड़ रखी थी। टैक्स चोरों के खिलाफ मुहिम चलाई गई थी, लेकिन एलजी ने दिल्ली सरकार से सलाह किए बिना ही मनमाने तरीके से वैट कमिश्नर का ट्रांसफर कर दिया। सरकार का कहना है कि अगर एलजी यह आश्वासन दें कि वे वैट कलेक्शन के टारगेट को पूरा करवाएंगे तो वह अपनी पसंद के अधिकारी वैट डिपार्टमेंट में रख सकते हैं और अपने हिसाब से डिपार्टमेंट चलाएं। दिल्ली सरकार को उस स्थिति में वैट डिपार्टमेंट को एलजी को सौंपने में कोई परेशानी नहीं होगी। अगर दिल्ली सरकार को वैट कलेक्शन का टारगेट पूरा करना है, तो सरकार को अधिकारियों को नियुक्त करने का अधिकार होना चाहिए।
कैबिनेट के इस फैसले की कॉपी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी भेजी जाएगी। दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि वैट कमिश्नर के मामले में मनमाने तरीके से आदेश जारी कर दिए गए। यह भी कहा गया है कि यह सब एक खास लॉबी के दबाव में किया जा रहा है, जिनके खिलाफ वैट कमिश्नर ने शिकंजा कसा था और टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ ऐक्शन शुरू हुआ था। सरकार ने एलजी से पूछा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एलजी ने एक अफसर को रिलीव करने के डायरेक्ट ऑर्डर जारी किए हों। सरकार ने पूछा है कि आखिर यह असाधारण कदम क्यों उठाया गया? यह भी पूछा गया है कि विजय कुमार ने टैक्स चोरी के मामले में बड़ी मछलियों के खिलाफ मुहिम शुरू की थी और क्या इस ट्रांसफर का कारण यह था? क्या एलजी को इस ट्रांसफर को लेकर केंद्र सरकार से दिशा-निर्देश मिले थे?
ऑफिसर्स के लिए जीओएम
दिल्ली सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में अपने अधिकारियों के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) बनाने का फैसला किया है। सरकार के मुताबिक, कैबिनेट ने इस बात को बेहद गंभीरता से लिया है कि दिल्ली सरकार के कुछ अधिकारियों को धमकाया जा रहा है। कुछ अधिकारियों ने बताया है कि एलजी द्वारा उन्हें समन किया गया था और पुलिस से लेकर विभागीय कार्रवाई की धमकी दी गई थी। यह सब सरकार के कामकाज को बाधित करने के मकसद के साथ किया जा रहा है। सरकार ने अब जीओएम बनाया है, जो राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार अधिकारियों की हेल्प करेगा। ऐसे अधिकारियों को कानूनी मदद भी दी जाएगी, जिसका खर्च सरकार उठाएगी। अगर यह पाया गया कि अधिकारी को प्रताड़ित किया जा रहा है तो ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स उस अधिकारी की पूरी मदद करेगा। डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया इस जीओएम के चेयरमैन होंगे। होम मिनिस्टर सत्येंद्र जैन और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर गोपाल राय इस जीओएम का हिस्सा होंगे। प्रिंसिपल सेक्रेट्री (सर्विसेज) को सेक्रेट्री की जिम्मेदारी दी गई है।
18 से 28 नवंबर तक सत्र
विधानसभा का अगला सत्र 18 से 28 नवंबर तक चलेगा। दस दिनों के इस सत्र में कई अहम बिल पेश किए जाएंगे। चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों को भी इस सत्र में पेश किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर जीओएम बनाया है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट नोट बनाया जाएगा, जिसे विधानसभा में पेश किया जा सकता है।
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