एसीबी के घेरे में स्वाति मालीवाल, दिल्ली महिला आयोग के कर्मचारियों से घंटों चली पूछताछ

swati-maliwalनई दिल्ली। दिल्ली की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा (एसीबी) ने गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग के कार्यालय की तलाशी ली और कर्मचारियों से पूछताछ की। आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि यह तलाशी दिल्ली के पूर्व सचिव, आयोग के पूर्व प्रमुख और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की झूठी और गलत शिकायतों पर ली गई है, क्योंकि वर्षों से निष्क्रिय रहा आयोग इतिहास में पहली बार काम कर रहा है। अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए मालीवाल ने कहा कि तमाम हमलों के बावजूद वे निर्भया मामलों में आवाज उठाना नहीं बंद करेंगी।

एसीबी के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने डीसीडब्लू को सूचित कर दिया था कि वे उन्हें मिली एक शिकायत से जुड़े दस्तावेज लेने के लिए वहां आएंगे। वहीं आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, एसीबी के अधिकारियों ने चार घंटे तक आयोग के स्टाफ से पूछताछ की। मालीवाल ने कहा, मैं एसीबी और उसकी टीम को बताना चाहती हूं कि आयोग और उसके स्टाफ किसी जांच और पूछताछ से नहीं डरते हैं। जांच कीजिए, मुझे गिरफ्तार कीजिए, लेकिन डीसीडब्लू दिल्ली में निर्भयाओं की आवाज उठाना बंद नहीं करेगा।

डीसीडब्लू अध्यक्ष ने कहा, पूर्व अध्यक्ष ने अपने 9 सालों के कार्यकाल में केवल एक केस किया, जबकि वे वेतन लगातार लेती रहीं, साथ ही एमएलए की तनख्वाह भी उठाती रहीं। क्या यह भ्रष्टाचार नहीं है, उनसे पूछताछ क्यों नहीं होनी चाहिए। जबकि मैंने एक साल में 400 से ज्यादा मामले किए, 50 से ज्यादा दौरे किए और 50 अनुशंसाएं कीं और एसीबी हमसे प्रश्न कर रही है। ये प्रश्न इसलिए किए जा रहे हैं कि आयोग इतिहास में पहली बार काम कर रहा है।

स्वाति मालीवाल ने कहा, जब 9 सालों में काम नहीं हुआ तो कितने मामले लंबित होंगे, यह आसानी से समझा जा सकता है। इसके साथ ही 181 हेल्पलाइन आयोग के तहत आ गया। और भी कदम उठाए गए हैं, इसलिए स्टाफ की संख्या 42 से बढ़ाकर 80 की गई। उसमें भी कुछ पदों पर जरूरतमंदों को रखा गया, लेकिन हर नियुक्ति प्रक्रिया और नियम के तहत और योग्यता के आधार पर हुई है। मालीवाल ने कहा, दिल्ली में निर्भया मामलों को आयोग ऊपर तक ले जा रहा है, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद उच्चस्तरीय और थाना स्तरीय समिति नहीं गठित की गई, पीड़िताओं के मुआवजे बढ़ाने की मांग नहीं मानी गई। इसके उलट उन पर एफआइआर दर्ज हो रही है। एसीबी पूछताछ कर रही है जबकि आयोग लगातार काम कर रहा है। शनिवार को भी दफ्तर खुला रहता है।

पद के दुरुपयोग मामले में डीसीडब्लू अध्यक्ष ने कहा कि यह शर्मनाक है कि एक महिला की बात को सही जगह पहुंचाना अपने पद का दुरुपयोग है, जबकि पूर्व सचिव ओमेश सहगल को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पिछले साल तक डीसीडब्लू की प्रमुख रही कांग्रेस की पूर्व विधायक बरखा शुक्ला सिंह ने हाल ही में एसीबी में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने डीसीडब्लू में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर इसकी वर्तमान अध्यक्ष मालीवाल पर ‘भाई भतीजावाद और पक्षपात’ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि आप के कई समर्थकों को महिला आयोग में पद दिया गया है। एक अन्य शिकायत में दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल ने आरोप लगाया है कि मालीवाल एक क्लब को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रही हैं। सहगल इस क्लब के सदस्य हैं। एक महिला ने दावा किया था कि क्लब के स्वीमिंग पूल में सहगल लगातार उसे परेशान करते रहे थे।

 

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