ओडिशा: CBI ने हाईकोर्ट जज के घर जबरन घुसने के आरोप को नकारा, पुलिस ने दर्ज की है FIR
कटक/नई दिल्ली। ओड़िशा पुलिस ने बुधवार (20 सितंबर) को सीबीआई अधिकारियों के एक दल के खिलाफ अनाधिकार प्रवेश का एक मामला दर्ज किया, जिसने छापामारी और तलाशी के लिये मंगलवार देर (20 सितंबर) रात उड़ीसा उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश के घर में कथित तौर पर घुसने का प्रयास किया था. मीडिया को जानकारी देते हुए ट्विन सिटी के पुलिस आयुक्त वाई बी खुरानिया ने कहा कि न्यायाधीश के घर पर तैनात एक सुरक्षा गार्ड द्वारा प्रदान की गई सूचना के आधार पर यहां कैंटोनमेंट थाने में आईपीसी की धारा 448 (घर में अनधिकार प्रवेश), धारा 353 (लोकसेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने), धारा 511 और धारा 34 (समान आशय) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
FIR filed against CBI inspector& others on the basis of stmnt given by security guard of justice CR Das,probe on-Cuttack Police Commissioner
— ANI (@ANI) September 20, 2017
उन्होंने कहा, ‘थाने के प्रभारी को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है.’ उन्होंने कहा कि सीबीआई के अधिकारी स्थानीय थाने या न्यायाधीश के आवास पर तैनात सुरक्षा गार्ड को छापेमारी करने के लिये कोई तलाशी वारंट दिखाने में सक्षम नहीं थे. खुरानिया ने यह भी बताया कि उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश के आवास पर छापेमारी करने के उद्देश्य के लिये किसी कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा अपनाई जाने वाली मानक प्रक्रिया का भी इस मामले में पालन नहीं किया गया.
Rumors of raids at premises of a sitting Orissa High Court judge are baseless: CBI Spokesperson.
— ANI (@ANI) September 20, 2017
सीबीआई ने बुधवार (21 सितंबर) को भ्रष्टाचार के एक मामले में ओड़िशा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत जज और पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की एवं आठ जगहों पर छापेमारी की. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि सेवानिवृत न्यायाधीश इशरत मसरूर कुद्दूसी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है . उनके साथ प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बी. पी. यादव और पलाश यादव के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट लखनऊ में एक मेडिकल कॉलेज का संचालन करता है . इनके अलावा, बिचौलिये विश्वनाथ अग्रवाल और दो अन्य – भावना पांडेय और सुधीर गिरि – के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है . न्यायमूर्ति कुद्दूसी 2004 से 2010 तक ओड़िशा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे.
उड़ीसा उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश के घर पर छापेमारी नहीं की : सीबीआई
सीबीआई अधिकारियों के एक दल के खिलाफ अनधिकार प्रवेश का मामला दर्ज किये जाने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार (20 सितंबर) को इन आरोपों का खंडन किया कि उसने उड़ीसा उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश के घर पर छापा मारा था. ओडिशा पुलिस ने बुधवार (20 सितंबर) को सीबीआई अधिकारियों के एक दल के खिलाफ अनधिकार प्रवेश का एक मामला दर्ज किया. इन अधिकारियों ने मंगलवार देर रात छापा मारने और तलाशी के लिये कटक में उड़ीसा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के घर में कथित तौर पर घुसने का प्रयास किया था.
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘गोपनीय सूचना के आधार पर सीबीआई ने एक व्यक्ति को एक निजी मेडिकल कॉलेज से रिश्वत के रूप में मिली एक करोड़ रुपये की रकम के साथ पकड़ा.’’ उन्होंने बताया कि उसी मामले में सीबीआई उड़ीसा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के साथ अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है. उन्होंने बताया, ‘‘जांच के दौरान सीबीआई टीम मंगलवार (19 सितंबर) रात कई स्थानों पर गयी. इसमें उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के पुराने और वर्तमान पते पर भी सीबीआई टीम गई.’’
दयाल ने बताया कि इस दौरान सीबीआई टीम अभियोगात्मक दस्तावेज और नकदी बरामद करने के लिये स्वतंत्र गवाहों के साथ उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के कटक स्थित पूर्व आवास पर भी गई. उन्होंने बताया, ‘‘गेट पर पहुंचने पर सीबीआई टीम को बताया गया कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश अब वहां नहीं रहते हैं. सीबीआई तत्काल वहां से रवाना हो गई और स्थानीय पुलिस को इस बारे में बताया.’’
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