कंटेंट रेगुलेशन कमेटी का फैसला, AAP से वसूली जाएगी विज्ञापनों के 18 करोड़

kejirwal-hoardingsनई दिल्ली:  विज्ञापनों को लेकर केजरीवाल सरकार घिर गई है. भारत सरकार की कंटेट रेगुलेशन कमेटी ने दिल्ली सरकार को विज्ञापनों के मामले में नियमों की अनदेखी का दोषी माना है. और विज्ञापन के पैसे पार्टी से वसूलकर दिल्ली सरकार के खाते में जमा करने को कहा है.

केंद्र की कंटेंट रेगुलेशन कमेटी ने ने आम आदमी पार्टी को तमाम विज्ञापनों पर खर्च रकम सरकारी खजाने में वापस जमा करने के आदेश दिए हैं. पूरे देश में आप ने विज्ञापन पर कुल 18 करोड़ 47 लाख रुपये खर्च किए थे. जिन्हें अब आप को दिल्ली सरकार के खजाने में जमा कराने होंगे.

कमेटी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी की छवि बनाने के लिए सार्वजनिक धन का गलत इस्तेमाल विज्ञापनों पर किया है. यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है.

कमेटी को शिकायत मिली थी कि कोर्ट के दिशा निर्दशों के नौ बिंदुओं का विज्ञापनों में उल्लंघन हो रहा है. जांच कमेटी ने पाया कि शिकायत के नौ बिंदुओं में से छह में वाकई उल्लंघन हो रहा है. कमेटी के मुताबिक सरकार ने अपने क्षेत्र से बाहर विज्ञापन दिए.

साथ ही कहा गया कि गलत और भ्रामक सूचनाएं दी, खुद को महिमा मंडित करने वाले और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने वाले विज्ञापन दिए. दूसरे राज्यों की घटनाओं का जिक्र करते हुए भी विज्ञापन देने का दोषी कमेटी ने पाया है.

जिस कमेटी ने आम आदमी पार्टी सरकार को विज्ञापन मामले में दोषी माना है उसका गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया था. इस कमेटी में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी टंडन वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा और ऐड गुरु पीयूष पांडे शामिल हैं.

भारत सरकार की कंटेंट रेगुलेशन कमेटी का दिल्ली सरकार के खिलाफ यह सख्त आदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की शिकायत पर कमेटी ने दिया है. कमेटी ने अपनी जांच में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश का उल्लंघन पाया है.

 

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