कच्चे तेल पर अंतरराष्ट्रीय बैठक के पहले सऊदी अरब, ईरान के बीच तनातनी
वियना। सऊदी अरब ने कहा है कि वह विश्व बाजार में कच्चे तेल आपूर्ति में कमी की स्थिति को टालने के लिए जो जरूरी हो करेगा. इस बयान से तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की तनाव के माहौल में होने जा रही बैठक से पहले ईरान के साथ सऊदी अरब के टकराव का मंच तैयार हो गया है.
सऊदी अरब के शहजादे और ऊर्जा राज्य मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान ने वियना में एक बैठक में कहा, “बाजार की स्थिरता को बनाए रखने के लिए जो जरूरी होगा वह हम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि तेल आपूर्ति में कमी नहीं हो.” उन्होंने कहा, “कई उपभोक्ता देश संभावित तेल की कमी होने के आसार से चिंतित हैं.” उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में वैश्विक तेल मांग बढ़ने की उम्मीद है.
ओपेक के गैर-सदस्य देश रूस के साथ साथ जगत का सम्राट देश माने जाने वाला सऊदी अरब जोर शोर से प्रयास कर रहे हैं कि ओपेक देशों के तेल मंत्रियों और मित्र देशों के बीच उत्पान सीमा में ढ़ील देने पर इस सप्ताह सहमति कामय हो जाए. उत्पादन स्तर घटाए जाने के कारण वर्ष 2016 के बाद से तेल कीमतें दोगुना हो गई हैं.
सऊदी अरब पर अमेरिका का दबाव है. इससे ईरान उसका कड़ा विरोध कर रहा है. अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतराष्ट्रीय समझौते से हट गया है और उसने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसी घटना में बोलते हुए, ईरानी तेल मंत्री बिजान नामदार जांगानेह ने तेल उत्पादन में वृद्धि के लिए अपने देश के प्रतिरोध को दोहराया और ट्रंप पर ओपेक का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
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