कठुआ गैंगरेप: केंद्रीय मंत्री वीके सिंह बोले – हम इंसान के तौर पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा सके

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय की आठ साल की एक बच्ची से सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी निर्मम हत्या किए जाने के मुद्दे पर कहा कि एक इंसान के तौर पर हमने उस बच्ची को निराश किया लेकिन उसे न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा. बच्ची खानाबदोश बकरवाल मुस्लिम समुदाय से थी. वह कठुआ के रसाना गांव के निकट अपने घर के बगल के जंगल से 10 जनवरी को लापता हो गई थी. इसके एक सप्ताह के बाद उसका शव उसी इलाके से बरामद हुआ था.

‘हम इंसान के तौर पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा सके’ 
इस घटना पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि हम इंसान के तौर पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा सके. इस मामले पर प्रतिक्रिया देने वाले वह बीजेपी के शायद पहले मंत्री हैं. विदेश राज्य मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘लेकिन उसे न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा.’’

मामले में अब तक 8 लोगों की गिरफ्तारी
इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक दो विशेष पुलिस अधिकारियों और एक हेड कांस्टेबल सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. हेड कांस्टेबल पर सबूत नष्ट करने के आरोप हैं.  जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि उस समुदाय के लोगों को इस क्षेत्र से हटाने के लिए सावधानीपूर्वक बच्ची से बलात्कार और हत्या की साजिश रची गई थी.

इंसाफ में बाधा नहीं आने देंगे : महबूबा मुफ्ती
इससे पहले इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी सरकार कानून को बाधित नहीं होने देगी और बच्ची के साथ इंसाफ होगा. महबूबा ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ एक समूह के गैर जिम्मेदाराना कृत्यों और बयानों से कानून को बाधित नहीं होने दिया जाएगा. उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है, जांच तेजी से चल रही है और इंसाफ किया जाएगा.’’

इस बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है क्योंकि जम्मू में वकीलों ने मामले को सीबीआई को सौंपने को लेकर बुधवार को बंद आयोजित किया था. कठुआ में वकीलों ने सोमवार को अपराध शाखा को आरोप पत्र दाखिल करने से रोकने की कोशिश की थी. आरोप पत्र में लड़की को कथित रूप से अगवा करने, उसे नशीला पदार्थ देने और एक पूजा स्थल में उससे बलात्कार और फिर हत्या करने के बारे में खौफनाक विवरण है.

हत्या से पहले भी दरिंदों ने बच्ची को बनाया था हवस का शिकार
कठुआ मामले के आरोपपत्र से इस बात का खुलासा हुआ है कि आठ वर्षीय बच्ची को नशीली दवा दे कर रखा गया था और उसकी हत्या से पहले दरिंदों ने फिर से उसे हवस का शिकार बनाया था. जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था. इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण , बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी.

सांझी राम के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा, मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू, राम का किशोर भतीजा और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा कथित तौर पर शामिल हुए.  आरोपपत्र में जांच अधिकारी ( आईओ ) हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्त भी नामजद हैं जिन्होंने राम से कथित तौर पर चार लाख रूपया लिए और अहम सबूत नष्ट किए. किशोर की भूमिका के बारे में मंगलवार को एक अलग आरोपपत्र दाखिल किया गया. सभी आठ लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं.

 

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