कर्नाटक में बीजेपी के पास बहुमत है, कोई खरीद-फरोख्त नहीं हुई- वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी
नई दिल्ली। कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के सरकार बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई से पहले बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी की तरफ से कहा गया कि ‘कर्नाटक में बीजेपी के पास बहुमत है, कोई खरीद-फरोख्त नही हुई.’
वरिष्ठ वकील रोहतगी ने कहा कि ‘हम अदालत को मुख्यमंत्री का पत्र दिखाएंगे, जिसमें दिखता है कि येदियुरप्पा के पास विधानसभा में भी पूर्ण समर्थन है. खरीद-फरोख्त जैसी कोई बात नहीं है. यह दूसरा तरीका है, क्योंकि विधायकों को रिसॉर्ट्स में ले जाया गया है.
We’ll show CM’s letter to Court, it shows he has support & support will be shown in the house. There is no issue of horse-trading, it is the other way, as MLAs have been taken to resorts: Mukul Rohatgi, BJP’s lawyer, on being asked if they have numbers he said, ‘yes.’ #Karnatakapic.twitter.com/CIbtc1HXIe
— ANI (@ANI) May 18, 2018
दरअसल, बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई है, जिसमें येदियुरप्पा को 15 और 16 मई को राज्यपाल वजुभाई वाला को लिखे वे दोनों पत्र पेश करने होंगे, जिनमें उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया है. इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार (17 मई) तड़के बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक नहीं लगाई.
शीर्ष अदालत ने आधीरात को घंटों चली सुनवाई में कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) की येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की संयुक्त याचिका के मद्देनजर शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि राज्यपाल ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया है. इस मामले की कार्यवाही की अध्यक्षता एके सीकरी, एसए बॉब्डे और अशोक भूषण ने की थी.
येदियुरप्पा ने तय योजना के अनुरूप गुरुवार (17 मई) सुबह नौ बजे शपथ ली थी. येदियुरप्पा ने पत्रों में सदन में बहुमत होने का दावा किया है, लेकिन सवाल है कैसे? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. कांग्रेस और जेडी-एस ने राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने को चुनौती दी है.
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता और न्यायशास्त्री राम जेठमलानी ने भी कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ बीते गुरुवार (17 मई) को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और उन्होंने राज्यपाल के फैसले को ‘‘संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग’’ बताया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया और कहा कि गुरुवार (17 मई) तड़के मामले की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ शुक्रवार (18 मई) को इस पर सुनवाई करेगी.
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